गोरखपुर के निजी अस्पातल में ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत

टीम भारत दीप |

पादरी बाजार स्थित आरुही अस्पताल में 26 बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है।
पादरी बाजार स्थित आरुही अस्पताल में 26 बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है।

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जिला प्रशासन ने कुछ निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया है। पादरी बाजार स्थित आरुही अस्पताल में 26 बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है। प्रबंधक विकास सिन्हा ने बताया कि उनके यहां कोरोना मरीजों के अलावा गंभीर हृदय रोग से ग्रस्त मरीज भी भर्ती हैं।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद के कोविड सेंटर बनाए गए पादरी बाजार स्थित आरुही अस्पताल में मंगलवार सुबह ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने से तीन कोरोना मरीज और दो हृदय रोगियों की मौत हो गई।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिला प्रशासन सहित सभी जगहों पर ऑक्सीजन की कमी की जानकारी देने के साथ ही जल्द से जल्द आपूर्ति कराने की मांग की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया परिणाम स्वरूप ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत हो गई। 

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जिला प्रशासन ने कुछ निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया है। पादरी बाजार स्थित आरुही अस्पताल में 26 बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है। प्रबंधक विकास सिन्हा ने बताया कि उनके यहां कोरोना मरीजों के अलावा गंभीर हृदय रोग से ग्रस्त मरीज भी भर्ती हैं।

इन सबको लाइफ सपोर्ट के लिए ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन 55 सिलिंडरों की खपत है। उनका आरोप है कि सोमवार को उन्हें सिर्फ 19 सिलिंडर ही आपूर्ति किए गए।

ऑक्सीजन की कमी होने से मंगलवार सुबह नौ बजे तक ही मरीजों को सपोर्ट दी जा सकती थी, ऑक्सीजन कमी के बारे में उन्होंनें एसडीएम, डीएम और पोर्टल पर बार बार जानकारी दी। यह भी बताया कि उनके यहां पांच से अधिक मरीज ऑक्सीजन की सपोर्ट के बिना नहीं चल सकेंगे।

विकास सिन्हा कहते हैं कि ऑक्सीजन सुबह नौ बजे खत्म हो गई तो उन्होंने घर पर पत्नी के लिए रखा ऑक्सीजन सिलिंडर भी लाकर लगा दिया लेकिन वह भी नहीं चल सका, प्रशासन से लगातार ऑक्सीजन आपूर्ति कराने की मांग की जाती रही। नौ बजे के बाद सभी सिलिंडर खत्म हो गए।

इसके बाद मरीजों की मौत होनी शुरू हो गई। बताया कि ऑक्सीजन खत्म होने के कारण तीन कोरोना संक्रमित मरीज और दो हृदय रोगियों की जान नहीं बचाई जा सकी,सभी की मृत्यु की सूचना उन्होंने प्रशासन को भेज दी है।

वहीं एक साथ पांच मरीजों की मौत से  हंगामा मच गया, अस्पताल प्रंबधन ने किसी तरह हंगामा कर रहे  परजिनों को  संभाला। अगर प्रशासनिक मशीनरी समय पर काम करती तो यह नौबत नहीं आती। 


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