हिमाचल में पीएम मोदी की ऐसी जनसभा जिसमें सुनने वालों से ज्यादा होंगे सुरक्षा करने वाले

टीम भारत दीप |
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सुरक्षा की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारियों के जिम्मे होगी।
सुरक्षा की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारियों के जिम्मे होगी।

मोदी की जनसभा में ऐसा पहली बार होगा जब जनता से करीब पांच गुना अधिक सुरक्षा कर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात होंगे। प्रदेश पुलिस, एसपीजी और बीआरओ की ओर से इंतजाम किए गए हैं।

कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक महत्व की अटल टनल रोहतांग का 3 अक्तूबर को उद्घाटन करने हिमाचल प्रदेश आ रहे हैं। वे यहां कुल्लू-खराहल पहुंचकर जनसभा को भी संबोधित करेंगे। मोदी की जनसभा में ऐसा पहली बार होगा जब जनता से करीब पांच गुना अधिक सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात होंगे। 

हिमाचल प्रदेश पुलिसए एसपीजी और बीआरओ की ओर से जो इंतजाम किए गए हैंए उसके अनुसार 1 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी सभी कार्यक्रम स्थलों पर तैनात रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी पहले सिस्सू में जनसभा को संबोधित करेंगे। 

इसके बाद टनल के उद्घाटन के दौरान सोलंगनाला में जनसभा होगी। पीएम मोदी के दोनों कार्यक्रमों में 200-200 लोग शिरकत करेंगेए लेकिन हर कार्यक्रम स्थल पर ही हर दो व्यक्ति पर एक सुरक्षा कर्मी होगा। प्रधानमंत्री के सिस्सू हैलीपैड से लेकर सभी कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारियों के जिम्मे होगी। 

प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी संभाल रही है। ऐसे में वह भी पुलिस के सभी सुरक्षा प्रबंधों को क्रॉस चेक करेगी। सूत्रों के अनुसार लाहौल.स्पीति और कुल्लू जिला पुलिस के अलावा बटालियनों के जवान और कमांडो तैनात किए जा रहे हैं। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा राजपत्रित पुलिस अधिकारी भी तैनात रहेंगे। 

बताते चलें कि दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई 10040 फीट पर बनी अटल टनल रोहतांग को लेकर देश के तीन प्रधानमंत्रियों ने सपना संजोया था। जो आखिरकार अब साकार हुआ है। वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लाहौल.स्पीति का दौरा किया था। 

उस समय उनके जेहन में टनल बनाने का विचार आया था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने तीन जून 2002 को टनल बनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। सोनिया गांधी ने इसकी आधारशिला 2010 में रखी थी। टनल निर्माण के लिए शुरुआत में 1400 करोड़ का बजट था। लेकिन समय अधिक लगने के कारण इसके बजट में भी इजाफा हो गया। टनल पर करीब 3200 करोड़ खर्च किया गया। 


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