बिहार हो या असम, बाढ़ ने मचा रखा है त्राहिमाम

टीम भारत दीप |
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फाइल फोटो
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असम और ​बिहार में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। असम में अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि बिहार में ये आंकड़ा 14 हो गया है। सरकार बाढ़ से निपटने केे लिए कार्य कर रही है।

नई दिल्ली। एक ओर पूरी दुनिया जानलेवा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। भारत में इस महामारी के साथ अन्य आपदाएं भी संकट का सबब बनी हुई हैं। पहले महाराष्ट्र और बंगाल में चक्रवात ने कहर बरपाया तो अब असम और बिहार जैसे राज्य बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहे हैं। लाखों लोगों की जिंदगी इससे प्रभावित हो गई है। हजारों गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ चुके हैं। हर ओर त्राहिमाम—त्राहिमाम मचा हुआ है। 

बात असम से शुरू करें तो यहां जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बाढ़ ने कई चाय बागानों को अपनी चपेट में ले लिया है। जिससे काफी नुकसान पहुंचा है। असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। बाढ़ से मरने वालों की संख्या करीब 102 पहुंच गई है। राज्य में बाढ़ से 24 जिलों के 24.19 लाख लोग प्रभावित हैं।

वहीं बिहार भी बाढ़ से जूझ रहा है। यहां भी लाखों लोग बाढ़ से परेशान हैं। लोगों का जीना मुहाल हो गया हैं हर ओर पानी ही पानी है। लोग त्राहीमाम—त्राहीमाम कर रहे हैं। वहीं इस दौरान कुछ अच्छी ख़बरें भी आ रहीं हैं। 

बिहार में पूर्वी चंपारन जिले में रविवार को एक 25 वर्षीय महिला ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की बचाव कार्य में प्रयुक्त हो रही नाव पर बच्ची को जन्म दिया। बता दें कि पूर्वी चंपारन जिला बिहार के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है। जानकारी के अनुसार मां और बच्ची को बाद में एंबुलेंस से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां दोनों की हालत सुरक्षित बताई जा रही है। 


 
महाराष्ट्र से समाचार है कि यहां मुंबई-वाराणसी स्पेशल ट्रेन में सफर कर रही एक गर्भवती महिला ने रेलवे स्टेशन पर बच्चे को जन्म दिया। जानकारी के अनुसार महिला ने इगतपुरी रेलवे स्टेशन पर रेलवे मेडिकल टीम की सहायता से शनिवार को बच्चे को जन्म दिया था। बाद में मां और बच्चे को आगे के इलाज के लिए इगतपुरी के ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं और खतरे से बाहर हैं। 


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