गीता जयन्ती समारोह: धर्म के अभाव में समाज का संचालन असंभव

टीम भारत दीप |
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कार्यक्रम का संचालन विनोद माहेश्वरी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन विनोद माहेश्वरी ने किया।

यह विचार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में आयोजित गीता जयन्ती समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य प्रभू दयाल पांडे ने प्रस्तुत किए। यहां होली पब्लिक स्कूल में स्वामी एकत्वानन्द सरस्वती गीता ज्ञान प्रसार समिति के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक मार्ग का अनुसरण किए बगैर जीवन में भगवत् कृपा प्राप्त नहीं होती है।

मैनपुरी। धर्म के अभाव में समाज का संचालन मुमकिन नहीं है। गांधी जी रघुपति राघव राजाराम जपते हुए राष्ट्रपिता बन गए और महामना मदन मोहन मालवीय अपनी अध्यात्मिक प्रतिभा के कारण देश भर में अमर हो गए।

यह विचार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में आयोजित गीता जयन्ती समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य प्रभू दयाल पांडे ने प्रस्तुत किए।

यहां होली पब्लिक स्कूल में स्वामी एकत्वानन्द सरस्वती गीता ज्ञान प्रसार समिति के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक मार्ग का अनुसरण किए बगैर जीवन में भगवत् कृपा प्राप्त नहीं होती है । 

इससे पूर्व मंगला चरण, भगवत नाम संक्रीर्तन तथा भक्ति गीतों की भव्य छटा के मध्य आयोजित इस समारोह में बोलते हुए एकरसानन्द संस्कृत महाविघालय के प्राचार्य डॉ. राम बदन पांडे ने कहा कि गीता सुगीता है और जीवन में ज्ञान बोध कराती है।

इसे व्यवहारिक जीवन में उतरे तभी इसकी सार्थकता है। समारोह में डॉ. महेश कुमार द्विवेदी ने कहा गीता भारतीय बाड्गमय की तत्व मीमांसा है। गीता जीवन का गीत भी है और उपनिषदों का आधार विन्दु है। इसका सारभूत उपदेश है कि कर्म करो भी, किन्तु कर्मफल के हेतु न बनो।

समारोह में शिवदत्त द्विवेदी, वासुदेव मिश्र लालवत्ती, चन्द्र प्रकाश रहस्य धर्मेन्द्र सिंह धरम ने जहाँ अपने गीतामय् कविताओं के माध्यम से तथा सत्यसेवक मिश्र, विघासागर शर्मा जगदीश चन्द्र त्रिपाठी, श्री कृष्ण मिश्र ने अपने विद्धतापूर्ण विचारों से गीता की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

यहां आयोजित समारोह में कोरोना काल के चार माह में सर्वाधिक सम्पूर्ण गीता पाठ करने पर पंडित शील नामाचार्य को सोल एवं द्रव्य भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रमोद पाण्डेय, विनोद माहेश्वरी, विघा सागार शर्मा, किरन चतुर्वेदी श्रीकृष्ण मिश्र आदि ने विशेष भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में यश कुमार मिश्रा, शिवसिंह निसंकोच, शिवराम सिंह चैहान, अभय शर्मा, डॉ अनुराग दुबे, देवकी नन्दन पाण्डेय, बृर्जेन्द्र सिंह सरन मुनीम सिंह चैहान, सजीव शर्मा अनूप वर्मा, ज्ञानेन्द्र दीक्षित, शिशुपाल सिंह चैहान, आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विनोद माहेश्वरी ने किया।

कार्यक्रम के संयोजक भारत भूषण मिश्र ने अन्त में सभी गणमान्यजनों का स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।     
 


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