हैवान बने पति ने बेटी के सामने कुल्हाड़ी से काटकर दी दर्दनाक मौत, बच्चे हुए अनाथ

टीम भारत दीप |

तीन दिन पहले ही उसने आत्महत्या की कोशिश भी की थी। 
तीन दिन पहले ही उसने आत्महत्या की कोशिश भी की थी। 

साल की बैटी पास में ही सोई थी, मां की चीख सुनकर वह फुर्ती से उठकर कमरे से भाग गई अन्यथा आरोपित उसे भी मार डालता।  नौ साल की पुत्री शिल्पी ने पुलिस को बताया कि मम्मी की चीख सुनकर वह जागी तो उसने पापा को मम्मी की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार करते हुए देखा।

लखीपुरखीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के देवीपुर गांव में एक सिरफिरे और नशेडी ने अपनी पत्नी की बेटी के सामने कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। बेटे की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने हत्यारोपी  को कुल्हाड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया।

जिस समय आरोपित अपनी पत्नी की हत्या कर रहा था, उस समय उसकी नौ साल की बैटी पास में ही सोई थी, मां की चीख सुनकर वह फुर्ती से उठकर कमरे से भाग गई अन्यथा आरोपित उसे भी मार डालता।

 नौ साल की पुत्री शिल्पी ने पुलिस को बताया कि मम्मी की चीख सुनकर वह जागी तो उसने पापा को मम्मी की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार करते हुए देखा। यह देख वह सहम गई। कुंडी खोलकर बगल में रहने वाले चाचा राकेश के घर भागकर पहुंची। वह नहीं भागती तो शायद पिता उसको भी मार डालता।

नशेड़ी किस्म है आरोपित

मृतका की देवरानी पूनम और गांववालों ने बताया कि पत्नी को मौत के घाट उतारने वाला अहिबरन सिरफिरा और नशेड़ी किस्म का है। वह पिछले कई दिनों से बहकी-बहकी बातें किया करता था।

आठ मार्च को ही उसके पिता हीरालाल की मृत्यु हुई थी। घरवालों और गांववालों के लाख समझाने के बावजूद अहिबरन पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं शामिल हुआ था, बल्कि वह रात भर पास के एक गन्ने के खेत में छिपा रहा और सुबह कंपकंपाता हुआ खेत से निकला तो लोगों ने आग जलाकर उसकी सेंकाई की। तीन दिन पहले ही उसने आत्महत्या की कोशिश भी की थी।

बच्चों से करता था मारपीट

आरोपित अपने  बच्चों और पत्नी को मारता-पीटता था। उसके डर से ही बच्चे अपने घर के बजाए बगल में रहने वाले चाचा राकेश के घर पर सोते थे।

बस छोटी बेटी शिल्पी को नहीं मारता था, इसलिए वह उसी के पास सोती थी। अहिबरन अक्सर कहता था कि उसकी हत्या करवा दी जाएगी। संभवतः इसी सिरफिरेपन और नशे में ही उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया।

तीन दिन की थी आत्महत्या की कोशिश

मृतका की देवरानी पूनम और गांववालों ने बताया कि तीन दिन पहले अहिबरन ने दोपहर में घर के पास स्थित आम के पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी।

दिन का समय होने के कारण लोगों ने देख लिया और उसे पेड़ से उतार लिया, जिससे उसकी जान बच गई थी। बड़े बेटे मुकेश ने बताया कि इसका प्रार्थनापत्र थाने में दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

बच्चों के सिर से उठा मां का हाथ

अहिबरन की शादी पीलीभीत के गांव मुजफ्फरपुर निवासी चेतराम की पुत्री मंजू से हुई थी। उसकी चार संतान मुकेश 18 विकास 14 विपिन 11 और शिल्पी 9 हैं। माता की हत्या के बाद पिता के जेल जाने से बच्चे बेसहारा हो गए हैं। थाने पहुंची नानी सोमवती ने बताया कि वह छोटी बेटी शिल्पी को अपने साथ ले जाएंगी।


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