संजीत मर्डर केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, आईपीएस अपर्णा और सीओ समेत 11 सस्पेंड

टीम भारत दीप |
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आईपीएस अपर्णा ने खुद बैग फेंके जाने की बात स्वीकार थी।
आईपीएस अपर्णा ने खुद बैग फेंके जाने की बात स्वीकार थी।

संजीत यादव अपहरण मामले में पुलिस पर लगातार लापरवाही का आरोप लग रहा था। पीड़ित परिवार ने बर्रा थाना इंचार्ज रणजीत राय और दरोगा राजेश कुमार पर अपहर्ताओं से साठगांठ का आरोप लगाया। इन दोनों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है।

कानपुर। कानपुर में लैब टैक्नीशियन के मर्डर का खुलासा होने के बाद घिरी उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी कानपुर साउथ और सीओ समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ने पूरे मामले में थू-थू कराने वाली रूपये देने की बात की जांच एडीजी स्तर के अधिकारी को सौंपी है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा और फिरौती की रकम लौटाने की मांग की है। 

बता दें कि संजीत यादव अपहरण मामले में पुलिस पर लगातार लापरवाही का आरोप लग रहा था। पीड़ित परिवार ने बर्रा थाना इंचार्ज रणजीत राय और दरोगा राजेश कुमार पर अपहर्ताओं से साठगांठ का आरोप लगाया। इन दोनों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। 

पुलिस को छकाया फिर धप्पा बोलकर ‘30 लाख ले उड़े‘ किडनैपर

इधर पुलिस अधीक्षक दक्षिण आईपीएस अपर्णा गुप्ता भी मामले में पीड़ित परिवार के निशाने पर रहीं। संजीत की बहन रूचि ने आरोप लगाया था कि वे एसपी साउथ से मिलीं थीं। इसके बाद पुलिस ने सिंघम स्टाइल प्लान बनाकर किडनैपर को पकड़ने का फेल आपरेशन लांच किया। 

संजीत मर्डर केस में 'फेल' कानपुर पुलिस का खुलासा, दोस्तों ने अपहरण के बाद मार डाला

आईपीएस अपर्णा ने खुद बैग फेंके जाने की बात स्वीकार थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि बैग में रूपये नहीं थे। गुरूवार को जब आईजी मोहित अग्रवाल ने संजीत की मौत का खुलासा किया तो परिवारीजनों का पुलिस का खिलाफ आक्रोश फूट पड़ा। पीड़ित परिवार लगातार आईपीएस अपर्णा, थाना प्रभारी रणजीत राय और एसओ राजेश कुमार पर कार्रवाई की मांग कर रहा था। 

इधर मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोल रहे थे। संजीत की हत्या के खुलासे के बाद उन्होंने कहा कि सरकार परिवार का 50 लाख रूपये और फिरौती की रकम लौटाये। सपा भी परिवार को 5 लाख की सहायता देगी।

 

इधर यूपी कांग्रेस ने भी इस घटना को जंगलराज की नई तस्वीर बताया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला। शुक्रवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ वाजपेई पीड़ित के घर पहुंचे, इस दौरान लोगों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। 

 

ऐसे में चैतरफा घिरी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामले में लापरवाही के आरोप में आईपीएस अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें 5 अधिकारी और 6 सिपाही शामिल हैं। एडीजी बीपी जोगदंड पूरे मामले की जांच करेंगे। वह परिवार के उन आरोपों की भी जांच करेंगे, जिसमें परिजनों ने कहा था कि पुलिस के सामने 30 लाख रुपए की फिरौती दी थी। एडीजी को तुरंत कानपुर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।


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