लखनऊ: फादर स्टान स्वामी की मौत को भाकपा ने बताया सांस्थानिक हत्या, उठाई ये मांग

टीम भारत दीप |

भाकपा ने स्वामी की मौत पर गहरा आक्रोश और दुख जताया है।
भाकपा ने स्वामी की मौत पर गहरा आक्रोश और दुख जताया है।

डॉ. गिरिश ने कहा कि भाकपा मांग करती है कि उनकी मौत के लिये जिम्मेदार सभी को गिरफ्तार किया जाये, और बुजुर्ग समाजसेवी के साथ घोर अमानवीय वरताव करने के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के उत्पीड़न और उनके अधिकारों के लिये लड़ने वाले झारखंड के 84 वर्षीय संत को पिछले अक्तूबर में भीमा कोरेगांव केस में गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया था।

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल डॉ. गिरीश ने फादर स्टान स्वामी की मौत पर गहरा आक्रोश और दुख जताया है। डॉ. गिरिश ने कहा कि भाकपा मांग करती है कि उनकी मौत के लिये जिम्मेदार सभी को गिरफ्तार किया जाये, और बुजुर्ग समाजसेवी के साथ घोर अमानवीय वरताव करने के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

उन्होंने कहा कि आदिवासियों के उत्पीड़न और उनके अधिकारों के लिये लड़ने वाले झारखंड के 84 वर्षीय संत को पिछले अक्तूबर में भीमा कोरेगांव केस में गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया था। जबकि वे भीमा कोरेगांव गए तक नहीं थे। उनके ऊपर (यूएपीए) UAPA जैसा कठोर कानून लादा गया। उनके मुताबिक यहां तक कि उनकी गंभीर बीमारियों का इलाज तक नहीं किया गया।

हाल ही में मुंमई हाई कोर्ट के दखल के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया, जब उनकी सेहत लगभग जबाव दे चुकी थी।  उन्होंने कहा कि उनकी मौत संस्थागत हत्या है जिसने न्यायपालिका, हिरासत के दौरान इलाज, चिकित्सा न कराना एवं हिरासत में उत्पीड़न आदि कई मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं।

भाकपा उनके ऊपर झूठे मुकदमे लगाने वालों, उनको लगातार कैद में रखने वालों और उनको यातना देने वाले सभी की गिरफ्तारी की मांग करती है। उन्होंने कहा कि वे सब उनकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं और उन्हें समुचित दंड मिलना ही चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाकपा सभी का आह्वान करती है कि इस लोमहर्षक यातना पर गुस्से का इजहार करने, UAPA एवं देशद्रोह कानून जैसे कठोर क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर और भारतीय संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों के सरकारों द्वारा किए जा रहे हनन के खिलाफ प्रतिरोध प्रदर्शन करें।

भाकपा राज्य सचिव मंडल डॉ.गिरीश ने अपनी सभी इकाइयों का आग्रह किया है कि वे गरीबों, किसानों, दलितों, युवाओं और बुद्धिजीवियों को व्यापक पैमाने पर संगठित कर 7 से 11 जुलाई के बीच फादर स्टान स्वामी की श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित करें।

उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को सभी वामपंथी जनवादी एवं मानवाधिकारों के लिये संघर्षरत संगठनों को लेकर तहसील अथवा जिला जहां संभव हो आक्रोश जताते हुये ज्ञापन दें।
 


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