लखनऊ: यूं पड़ी सैकड़ों कर्मचारियों की आफत में जान, ड्यूटी बहिष्कार की तैयारी

टीम भारत दीप |

कर्मचारियों का ध्‍यान ट्रेनिंग में कम और खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने को लेकर अधिक लगा हुआ था।
कर्मचारियों का ध्‍यान ट्रेनिंग में कम और खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने को लेकर अधिक लगा हुआ था।

कोरोना का कहर भी आए दिन अपने ही रिकार्ड तोड़ रहा है। सूबे में डराने वाले आंकड़ों के बीच राजधानी लखनऊ का सबसे बुरा हाल है। ऐसे में यहां भारी तादाद में कर्मचारियों की एकजुटता के बीच प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ना इस दौर में और भी खतरनाक हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार नौकरी की मजबूरी के बीच कर्मचारियों की जान पर आफत बन आई है।

लखनऊः यूपी पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच चुनाव को लेकर कर्मचारियों की ट्रेनिंग के पहले दिन व्‍यवस्‍थाएं पूरी तरह से चरमराई रही। कोरोना प्रोटोकॉल पूरी तरह नदारद रहा। ऐसे में उठते तमाम सवालों के बीच कर्मचारी ड्यूटी ​बहिष्कार की तैयारी में है। वहीं सूबे में कोरोना का कहर भी आए दिन अपने ही रिकार्ड तोड़ रहा है।

सूबे में डराने वाले आंकड़ों के बीच राजधानी लखनऊ का सबसे बुरा हाल है। ऐसे में यहां भारी तादाद में कर्मचारियों की एकजुटता के बीच प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ना इस दौर में और भी खतरनाक हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार नौकरी की मजबूरी के बीच कर्मचारियों की जान पर आफत बन आई है।

बताया गया कि सिटी मांटेसरी स्‍कूल गोमती नगर विस्‍तार के सभागार में सैकड़ों कर्मचारी सटा सटा कर बैठा दिए गए। नौकरी करने के लिए मजबूर कर्मचारी ट्रेनिंग करते रहे मगर दबी जुबान में ये भी कहते रहे कि अगर यहां किसी को कोरोना संक्रमण हुआ होगा तो कितनों को वह संक्रमित करेगा, इसका अंदाजा लगाना असंभव हो जाएगा।

वहीं तरफ कर्मचारी नेताओं ने ड्यूटी से बहिष्‍कार करने की भी घोषणा शुरू कर दी है। कहा गया कि यदि कोरोना से बचने के सभी इंतजाम नहीं किए गए तो वे ड्यूटी नहीं कर पाएंगे। बताया गया कि सिटी मांटेसरी स्‍कूल की गोमती नगर शाखा के हॉल की क्षमता 1500 लोगों की है। लेकिन यहां क्षमता से काफी अधिक कर्मचारियों को बुलाया गया था।

बताया गया कि अधिकांश कुर्सियां भर चुकी थी। बावजूद इसके कई खड़े होकर ट्रेनिंग् की बारीकियां समझ रहे थे। ऐसे में जाहिर है कि कर्मचारियों का ध्‍यान ट्रेनिंग में कम और खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने को लेकर अधिक लगा हुआ था। ये पहला ट्रेनिंग सेशन नहीं हैं।

इसके बाद भी ट्रेनिंग होंगी। ऐसे में कर्मचारियों के मन में अपनी सुरक्षा को लेकर तमाम तरह की  आशंकाएं घर करती रहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्‍यक्ष शशि कुमार मिश्र के मुताबिक कोविड प्रोटोकॉल पूरी तरह से तोड़ा जा रहा है। न ही कोई सैनिटाइजेशन करवाया जा रहा है और न कोई व्‍यवस्‍था है।

बताया गया कि भेड़ ब‍करियों की तरह से कर्मचारी भरे जा रहे हैं। इस तरह के बदहाल इंतजामों के बीच कर्मचारी किसी हाल में काम नहीं कर सकेंगे।

वहीं लखनऊ नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने मांग की है कि सरकार, शासन, चुनाव आयोग , न्यायालय एवं सभी कर्मचारी संघो महासंघो व परिषदो को पंचायत चुनाव में लगे कर्मचारियो एवं उनके परिवार जनों की जान की सुरक्षा को संज्ञान में रखते हुए प्रभावी कदम उठाना चाहिए।

बताया गया कि वर्तमान में कोरोना महामारी से हो रही मौत को देखते हुए चुनाव डयूटी में बहुत से कर्मचारी शुगर, हदय रोग,जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं। वहीं अधिकांश कर्मचारी बुखार, टाईफाइड एवं अन्य से भी ग्रसित है।

ऐसे में उनकी एवं उनके परिवार की जान की रक्षा करने का फर्ज सरकार, शासन,चुनाव आयोग, न्यायालय एवं सभी संघों व महासंघो तथा परिषदो का है।

इस सब के बीच आम जनमानस में तरह—तरह की आशंकाएं घर करती हैं कि एक तरफ तो सरकार आम जनता से पूरी सख्ती के साथ् कोविड प्रोटोकाल का पालन कराना चाहती है ज​बकि  सरकारी आयोजनों में प्रोटोकाल की उड़ती धज्ज्यिों के बीच प्रशासन मौन क्यों हो जाता है।


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