लखनऊः दावों से इतर बीजेपी सांसद की चिट्टी ने यूं खोली बदहाल व्यवस्था की पोल

टीम भारत दीप |
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ऑक्सीजन और उपचार देकर मरीजों को राहत दी जाए।
ऑक्सीजन और उपचार देकर मरीजों को राहत दी जाए।

जमीनी हालात बदलने को लगातार प्रयास जारी हैं। बावजूद इसके जमीन पर बदहाली की सूरत करीब-करीब जस की तस बनी हुई है। हां शासन-प्रशासन की ओर से जरूर सब चंगा होने का दावा किया जा रहा है लेकिन जमीन पर बदहाली का आलम नहीं बदला है। इस बात की तस्दीक बीजेपी सांसद की चिट्ठी भी करती है।

लखनऊ। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच जमीनी हालात बदलने को लगातार प्रयास जारी हैं। बावजूद इसके जमीन पर बदहाली की सूरत करीब-करीब जस की तस बनी हुई है। हां शासन-प्रशासन की ओर से जरूर सब चंगा होने का दावा किया जा रहा है लेकिन जमीन पर बदहाली का आलम नहीं बदला है। इस बात की तस्दीक बीजेपी सांसद की चिट्ठी भी करती है।

जिसे उन्होंने सीएम को जमीनी पर चल रहे बदहाली के हाल को बताने के रूप में लिखा है। दरअसल यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज संसदीय सीट से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के इस दौर में बदहाल व्यवस्था को लेकर सीएम योगी को खत लिखा है। जिसमें लापरवाही व खोखले तंत्र की पोल खोली गई है।

जानकारी के मुताबिक सीएम योगी को उन्होनें शिकायती पत्र लिखते हुए कहा कि मरीज बिस्तर के बिना सड़क पर तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। भाजपा सांसद ने सीएम योगी से इस मामले पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत को सुधारने की मांग की है।

कौशल किशोर ने शिकायत करते हुए लिखा है कि मेडिकल संस्थान केजीएमयू के कुलपति 5 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे जिसके बाद वह 17 अप्रैल तक नहीं आए। बताया गया कि फिर वह 8 मई तक लंबी छुट्टी पर चले गए। इसी के साथ सांसद ने खत में लिखा है कि रेस्पिरेट्री मेडिसिन,पलमाॅनरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रोफेसर कोरोना वार्ड में ड्यूटी नहीं कर रहे हैं।

कहा गया कि पूरे दिन मीडिया के साथ व्यस्त रहते हैं। सासंद के मुताबिक रेस्पिरेट्री मेडिसिन में 100 से ज्यादा ऑक्सीजन और आईसीयू बेड हैं मगर इनपर मरीजों की भर्ती नहीं की जा रही है। वहीं बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने मांग की है कि केजीएमयू के चौथी मंजिल और खाली बेड पर मरीजों को भर्ती किया जाए। कहा गया कि ऑक्सीजन और उपचार देकर मरीजों को राहत दी जाए।

इसी के साथ ये भी मांग की गई कि बलराम कोविड-19 अस्पताल में 20 वेंटिलेटर हैं लेकिन काम सिर्फ 5 कर रहे हैं। कहा गया कि जबकि सरकार ने अभी करोडों का बजट दिया है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे दांवों को ईमानदारी से जमीन पर उतारा जाए, नहीं तो हालात बद् से बद्तर होते चले जाएंगे और तब स्थिति को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।


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