लखनऊ: मिशन—2022 में भाजपा के लिए यूं सिरदर्द बनेंगे किसान, राकेश टिकैट ने बताई अपनी रणनीति

टीम भारत दीप |

लखनऊ में प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव व अन्य।
लखनऊ में प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव व अन्य।

किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि नवंबर 2021 में आंदोलन शुरू हुआ था। अब उसको 8 महीने हो गए हैं। इस दरम्यान उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ दुनिया के लोगों ने हमारा साथ दिया। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मगर पूरे प्रदेश में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का आंदोलन चलाया जाएगा।

लखनऊ। अब किसानों ने ठान ली है कि मिशन—2022 में भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोलना है। बताया गया कि बीजेपी का बहिष्कार करने और आंदोलन को मजबूत करने के दावे के साथ संयुक्त किसान मोर्चा मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू करेगा।

इसको लेकर सोमवार को किसान संगठन के नेताओं ने यूपी की राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान स्पष्ट कर दिया कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि नवंबर 2021 में आंदोलन शुरू हुआ था।

अब उसको 8 महीने हो गए हैं। इस दरम्यान उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ दुनिया के लोगों ने हमारा साथ दिया। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मगर पूरे प्रदेश में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का आंदोलन चलाया जाएगा। उनके मुताबिक वह लोग किसी दल के समर्थन में प्रचार भी नहीं करेंगे।

वहीं बंगाल के सवाल पर टिकैत ने कहा कि वह वहां गए थे मगर कभी भी ममता को वोट देने या उनके समर्थन में कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के किए वायदे वहां के किसानों को जरूर याद दिलाया गया था। उन्होंने बताया कि मिशन यूपी के तहत किसानों को जागरूक करने का काम किया जाएगा। इस दौरान पांच सितंबर को इसकी शुरूआत मुजफ्फरनगर से किया जाएगा।

बताया गया कि वहां किसान पंचायत होगी। उसके बाद वैसी ही किसान पंचायत पूरे यूपी में 18 मंडल और 75 जिलों में होगी। वहीं यूपी सरकार को चेतावनी देते हुए टिकैत ने कहा कि यहां की सरकार भी किसान विरोधी है। बताया कि गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया। मायावती सरकार में प्रति 100 किलो पर 80 रुपए और अखिलेश के समय 50 रुपए रेट बढ़ थे।

मगर यूपी सरकार ने कुछ नहीं किया। यहां यदि किसानों के हित में कुछ नहीं होता है तो लखनऊ को भी चारों तरफ से घेर दिया जाएगा। जैसे दिल्ली में घेरा गया था। वहीं इस मौके पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार ने एमएसपी के बराबर कहीं रेट नहीं दिया है। बताया कि यहां केवल आंकड़ों की बाजीगरी की जाती है। इसमे भी इनका खेल दिख जाता है।

वहीं इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि 14 अगस्त को गाजीपुर बॉर्डर में टैक्टर लेकर किसान एकत्र होंगे। बताया गया कि बीजेपी और उनके सहयोगियों का हर जगह विरोध किया जाएगा। बताया गया कि अंबानी और अडानी का विरोध भी किया जाएगा और उनके प्रॉडक्ट का बहिष्कार किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि यूपी में सबसे महंगी बिजली है।

बताया गया कि पंजाब में फ्री और हरियाणा में एक चौथाई से कम रेट है। इस मौके पर बताया कि किसी व्यक्ति के बयान को किसान मोर्चा के बयान से नहीं जोड़ा जाए।
 


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