लखनऊ चिड़ियाघर: संक्रमण के कारण गर्भवती मादा हिप्पो की मौत, यूं सूने हुए बाड़े

टीम भारत दीप |

पांच फरवरी से वह बीमार चल रही थी और भोजन भी नहीं खा रही थी।
पांच फरवरी से वह बीमार चल रही थी और भोजन भी नहीं खा रही थी।

नवाब वाजिद अली शाह चिड़ियाघर में बीते कई दिनों से बीमार चल रही मादा हिप्पोपोटेमस ने आखिरकार दम तोड़ दिया। बताया गया कि वह गर्भवती थी और बीते कई दिनों से बीमार चल रही थी। वहीं पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह भ्रूण में संक्रमण बताई गई है।

लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह चिड़ियाघर में बीते कई दिनों से बीमार चल रही मादा हिप्पोपोटेमस ने आखिरकार दम तोड़ दिया। बताया गया कि वह गर्भवती थी और बीते कई दिनों से बीमार चल रही थी। वहीं पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह भ्रूण में संक्रमण बताई गई है।

बताया गया कि देश विदेश के पशु चिकित्सकों की राय के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। उधर संस्थान के उप निदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ला के मुताबिक बुधवार दोपहर मादा हिप्पो उसके बाड़े में मृत पाया गया। वह गर्भवती थी। बताया गया कि पांच फरवरी से वह बीमार चल रही थी और भोजन भी नहीं खा रही थी।

बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा केंद्र के प्रभारी डा. अभिजीत पावड़े की इस मामले में सलाह ली गई थी। बताया गया कि इलाज के लिए कानपुर और दिल्ली समेत कई चिडिय़ाघरों के पशु चिकित्सकों के भी सुझाव मांगे गए थे। बताया गया कि वह 24 साल की थी और पिछली फरवरी से प्रसव नहीं होने के चलते बीमार चल रही थी।

उसका नाम आशी था। बताया गया कि आशी के पोस्माॅर्टम में यह बात सामने आई है कि गर्भस्थ भ्रूण में संक्रमण की वजह से आशी की मौत हुई है। वहीं आशी के गुजर जाने से उसकी देखभाल में लगे स्टाफ में काफी मायूसी है। वहीं यहां बाड़े में सन्नाटा छाया हुआ है।

जानकारी के मुताबिक यहां दो हिप्पो यानी दरियाई घोड़े थे। मादा दरियाई घोड़ा आशी के गर्भवती होने की खबर से दर्शक भी छोटे हिप्पो का इंतजार कर रहे थे। उसकी मौत की सूचना से सभी मायूस हैं। बताया गया कि अपने गर्भकाल के 240 दिन बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं हुआ। इसका असर उसके व्यवहार में देखने को मिल रहा था।

बताया गया कि उसने चारा खाना बंद कर दिया। अपने बाड़े में अक्सर गुमसुम दिखाई देती रही। इसके बाद प्राणि उद्यान ने देश-विदेश के वन्यजीव चिकित्सकों और विशेषज्ञों से संपर्क कर उसका इलाज शुरू किया। बताया गया कि बीच में वह बेहतर निगरानी के चलते अवसाद से उबरने भी लगी थी लेकिन उसकी सेहत ज्यादा दिनों तक नहीं सुधरी।

जिसके बाद चिड़ि‍याघर प्रशासन लगातार कहता रहा कि उसकी स्थिति चिंताजनक है।  उसका इलाज उसके व्यवहार और लक्षणों के आधार पर किया जा रहा हैं। वन्यजीवों की चिकित्सा करने की सीमाएं हैं। ऐसे में वह दो महीने तक बीमारी से जूझती रही और आखिकार उसने बुधवार दोपहर दम तोड़ दिया था।

उसके पोस्टमार्टम के बाद आज सामने आया कि भ्रूण में संक्रमण की वजह से उसकी मौत हो गई। बताया गया कि करीब 25 साल तक वह दर्शकों की पसंदीदा बनी रही थी। बताते चलें कि यहां तीन हिप्पो थे। मादा आशी (24 ), नर धीरज (35) और उनकी संतान आदित्य (5)।

प्राणि उद्यान निदेशक आरके सिंह के मुताबिक मादा आशी के गुजर जाने के बाद उसका पोस्टमॉर्टेम किया गया। पशुपालन विभाग बादशाहनगर के अधीक्षक पालीक्लिनिक डा नरवीर सिंह, डा.विनीत यादव, उपनिदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ल, पशु चिकित्सक डा. अशोक कश्यप, डा बृजेंद्र मणि यादव की टीम ने आशी का पोस्टमार्टम किया है। 


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