यूपीः मंत्रीमंडल विस्तार की बढ़ी संभावना, कई दिग्गजों की कुर्सी पर मंडराने लगा खतरा

टीम भारत दीप |

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नढ्ढा के लखनऊ दौरे के बाद ऐसी चर्चा तेज़ हो गई है  ।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नढ्ढा के लखनऊ दौरे के बाद ऐसी चर्चा तेज़ हो गई है ।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नढ्ढा के लखनऊ दौरे के बाद अब एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को पर लग गए हैं । चर्चा है कि जल्द ही यहां मंत्रीमंडल का विस्तार होने जा रहा है। जिसमें कई दिग्गजों पर गाज गिर सकती है। दरअसल दो दिन तक लखनऊ में सरकार और संगठन से फीड बैक लेने के बाद जेपी नढ्ढा पूरी रिपोर्ट लेकर दिल्ली चले गए।

लखनऊ। यूपी में  एक बार फिर मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। इसी चर्चा के बीच कई दिग्गजों की कुर्सी पर खतरा भी मंडराना शुरू  हो गया है। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नढ्ढा के लखनऊ दौरे के बाद अब एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को पर लग गए हैं । चर्चा है कि जल्द ही यहां मंत्रीमंडल का विस्तार होने जा रहा है।

जिसमें कई दिग्गजों पर गाज गिर सकती है। दरअसल दो दिन तक लखनऊ में सरकार और संगठन से फीड बैक लेने के बाद जेपी नढ्ढा पूरी रिपोर्ट लेकर दिल्ली चले गए। ऐसे में चर्चा गरम है कि जल्द ही वह अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष रखेंगे। जिसके बाद उस पर निर्णय लिया जाएगा कि मंत्री मंडल का विस्तार हो या नहीं।

और अगर होगा तो कब होगा। बताया जा रहा है कि इस पूरी रिपोर्ट में कई मंत्रियों के नाम सामने आए हैं जिसमें उनके काम काज के तरीके पर सवाल उठाए गए हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि हाईकमान  नहीं चाहता है कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पडे़। क्योंकि अभी एक साल के बचे हुए समय को देखते हुए इसमें सुधार हो सकता है।

वहीं ऐसी चर्चा भी जोरों पर है कि संगठन में कार्य करने वालों को सत्ता में एडजस्ट किए जाने की पूरी तैयारी है। दरअसल साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और इस साल पंचायत चुनाव को देखते हुए ही मंत्रालयों में फेरबदल को लेकर सरकार और संगठन में बदलाव की तैयारी की जा रही है। मिषन-22 से पहले योगी सरकार में यह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार होगा।

नए विधानपरिषद सदस्यों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। जिसमें सबसे आगे हाल ही में भाजपा में शामिल होकर विधानपरिषद सदस्य बनने जा रहे पूर्व आईएएस अरविन्द कुमार शर्मा का नाम भी चर्चा में हैं। वहीं पिछले साल योगी कैबिनेट के दो मंत्रियों चेतन चैहान और कमल रानी वरुण का कोरोना की वजह से निधन हो गया था। जिसके बाद से यह दोनों मंत्रिपद खाली चल रहे हैं।

वहीं ऐसी भी चर्चा है कि कुछ मंत्रियों को उनके कमजोर कामकाज को देखते हुए उन्हे हटाकर संगठन की जिम्मदारी दी जा सकती है। चर्चा ऐसी भी गरम है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। वहीं गुजरात कैडर के आईएएस रहे अरविंद शर्मा को एमएलसी चुनाव के बाद सरकार में अहम रोल मिलना तय हैं।

मंत्रिमंडल में अरविन्द शर्मा के अलावा लक्ष्मण आचार्य, सलिल विश्नोई को भी मौका मिल सकता है। इन तीनों नेताओं के प्रधानमंत्री मोदी से नजदीक होने के कारण ऐसा माना जा रहा है। अभी कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मिल चुके हैं। संभावना जताई जा रही है कि इसके पीछे यूपी की राजनीति और आगामी चुनाव की रूपरेखा तय करना रहा होगा।

बताया जा रहा है कि यूपी में संख्या के आधार पर 60 मंत्रियों की संख्या हो सकती है। मौजूदा समय में मंत्रिमंडल में 54 सदस्य हैं जिनमें 23 कैबिनेट 9 स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्य मंत्री हैं। इससे पूर्व 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था।

उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थें। शपथ लेने वाले कुल 23 लोगों में 18 नए चेहरे थे। बहरहाल चर्चाओं का बाजार गर्म है। संभावनाए साकार कब होंगी यह देखना दिलचस्प होगा।
 


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