महाराष्ट्र: विदेश से आए 13 लोग मिले संक्रमित, ओमिक्रॉन का चौथा केस भी यहीं मिला

टीम भारत दीप |

कर्नाटक में दो और गुजरात के जामनगर में एक मरीज में नए वैरिएंट की पुष्टि हुई थी।
कर्नाटक में दो और गुजरात के जामनगर में एक मरीज में नए वैरिएंट की पुष्टि हुई थी।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली का रहने वाला यह शख्स साउथ अफ्रीका से लौटा है। उसकी उम्र 33 साल है। वह साउथ अफ्रीका से दुबई, फिर दिल्ली और वहां से 24 नवंबर को मुंबई आया था। उसने अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है।

महाराष्ट्र। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा प्रभाव महाराष्ट्र पर पड़ा था। शनिवार को महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला और देश का चौथा केस सामने आया है।

इससे पहले विदेश से आए अब तक 13 लोग संक्रमित पाए गए हैं। शनिवार को 3 और लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इन लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब भेजी गई है। तब तक इन्हें क्वारैंटाइन किया गया है और डॉक्टरों द्वारा निगरानी की जा रही है। 

साउथ अफ्रीका से लौटा है युवक

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली का रहने वाला यह शख्स साउथ अफ्रीका से लौटा है। उसकी उम्र 33 साल है। वह साउथ अफ्रीका से दुबई, फिर दिल्ली और वहां से 24 नवंबर को मुंबई आया था।

उसने अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है। मुंबई में उतरते समय  उसे हल्का बुखार था। इसके अलावा उसमें कोरोना का कोई और लक्षण नहीं दिखा। ट्रीटमेंट के लिए उसे कल्याण के कोविड केयर सेंटर में रखा गया था।

संक्रमित मरीज के संपर्क में आए 12 हाई रिस्क और 23 लो-रिस्क कॉन्टैक्ट ट्रेस किए गए हैं। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दिल्ली-मुंबई फ्लाइट में उसके साथ सफर करने वाले 25 पैसेंजर्स का टेस्ट भी निगेटिव आया है। इससे पहले कर्नाटक में दो और गुजरात के जामनगर में एक मरीज में नए वैरिएंट की पुष्टि हुई थी।

एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा डोज लगे

देश में एक बार फिर टीकाकरण में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश में  एक बार फिर एक दिन में कोरोना वैक्सीन के एक करोड़ से ज्यादा डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाया है। देश में अब तक 6 बार ऐसा हुआ है,।

जब एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा टीके लगे हों। इससे पहले 27 सितंबर को ऐसा हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया कि देश में हर घर दस्तक अभियान जोरों पर चल रहा है। इससे वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने में मदद मिली है। यही वजह है कि भारत ने इस मामले में एक और मील का पत्थर पार किया है।

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