मिशन 2022: सपा और रालोद में 36 सीटों पर बनी सहमति, जयंत व अखिलेश में हुई चर्चा

टीम भारत दीप |

अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात करते जयंत चौधरी। फोटो सोशल मीडिया
अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात करते जयंत चौधरी। फोटो सोशल मीडिया

सपा और रालोद के गठबंधन में लगभग 36 सीटें रालोद को मिलेंगी। पहले रालोद ने 40 से अधिक सीटों की मांग की थी जबकि सपा 30 से 32 सीटें देने को तैयार थी। इसी सिलसिले में मंगलवार को जयंत चौधरी व अखिलेश यादव के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए जयंत ने लिखा ...बढ़ते कदम।

लखनऊ। यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों के स्थि​ति अब काफी साफ होने लगे है।, इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) व राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन की सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने फोटो भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे है कि अब जल्द ही गठबंधन की सीटों का आधिकारिक ऐलान हो जाएगा।

रालोद मांग रही थी 40 सीट

मीडिया रिपोर्ट्स के अुनसार सपा और रालोद के गठबंधन में लगभग 36 सीटें रालोद को मिलेंगी। पहले रालोद ने 40 से अधिक सीटों की मांग की थी जबकि सपा 30 से 32 सीटें देने को तैयार थी। इसी सिलसिले में मंगलवार को जयंत चौधरी व अखिलेश यादव के बीच मुलाकात हुई।

इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए जयंत ने लिखा ...बढ़ते कदम। सपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद जयंत दिल्ली लौट गए। वहीं, अखिलेश ने मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि...जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर...।

जल्द ही दोनों नेता करेंगे घोषणा

इस गठबंधन को अमली जामा पहनाने के लिए जल्द ही जयंत और अखिलेश के बीच एक और दौर की बातचीत होगी। इसके बाद दोनों नेता पत्रकार वार्ता कर गठबंधन का ऐलान करेंगे। कुछ सीटों पर सहमति के आधार पर रालोद के नेता सपा के चुनाव चिह्न पर व सपा के नेता रालोद के निशान पर विधान सभा चुनाव लड़ सकते हैं।

गौरतलब है कि रालोद और सपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही थी। दोनों दलों के बीच दो दौर की बातचीत के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी। कई सीटें ऐसी थीं जिन्हें लेकर दोनों ही दलों की ओर से दावा किया जा रहा था।

इस खींचतान के कारण गठबंधन का आधिकारिक ऐलान भी नहीं हो पा रहा था। मंगलवार को दोनों नेताओं की बातचीत के बाद अपने-अपने ट्व‍िटर से तस्वीरें ट्वि‍ट करना इस बात का संकेत है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। वहीं अभी सपा और प्रसपा के गठबंधन को लेकर कोई रास्ता नहीं निकल सका, इससे शिवपाल यादव नाराज चल रहे है। 

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