गोरखपुर: एक मंडप में रचाई मां-बेटी ने शादी, 53 वर्ष की उम्र में ढूंढ लिया हमसफर

टीम भारतदीप |

बेटी और मां की एक मंडप में शादी
बेटी और मां की एक मंडप में शादी

गोरखपुर के पिपरौली ब्लॉक परिसर में एक अनोखी शादी देखने को मिली। यहां मां बेला देवी ने पहले बेटी का कन्यादान कर अपना फर्ज निभाया। इसके बाद खुद शादी का जोड़ा पहनकर उसी मंडप में अपने जीवनसाथी के साथ बैठीं।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत गुरुवार को गोरखपुर के पिपरौली ब्लॉक परिसर में जो हुआ वो वाकई बहुत ही सुखद था।

पिपरौली ब्लाक परिसर में एक अनोखी शादी देखने को मिली। यहां एक ही मंडप में एक तरफ मां तो दूसरी तरह बेटी दुल्हन बनी। वहीं 55 वर्षीय एक कुंवारा के सिर पर सेहरा सज गया।

उसने उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन संगिनी चुन कर जिंदगी की नई शुरूआत की। इसके अलावा यहां एक मुस्लिम जोड़े समेत कुल 63 जोड़ों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाईं।

बता दें कि पिपरौली ब्लाक के ग्राम सभा कुरमौल निवासी 55 वर्षीय जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं और घर पर रहकर खेती-बारी करते हैं। 55 वर्ष की उम्र होने तक जगदीश ने शादी नहीं की थी, और अविवाहित ही अपनी जिंदगी गुजार रहे थे।

जानकारी के मुताबिक, जगदीश के बड़े भाई हरिहर की शादी 53 वर्षीय बेला देवी से हुई थी। हरिहर के दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। बेला देवी के पति यानि जगदीश के बड़े भाई की मौत करीब 25 वर्ष पहले हो गई थी। बेला देवी अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के बाद दो पुत्रों तथा दो पुत्रियों की शादी कर चुकी हैं।

बता दें कि गुरुवार को ब्लाक परिसर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बेली देवी की सबसे छोटी पुत्री इंदू की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई। बेटी के मंडप में बेला देवी ने भी अपने 55 वर्षीय देवर जगदीश से शादी की और आगे दोनों ने साथ मिलकर जिंदगी गुजारने की कसम खाई।

क्षेत्र में मां-बेटी के एक मंडप में शादी तथा उम्र के आखिरी पड़ाव में शादी को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस अनोखी विवाह के दौरान साक्षी के रूप में बीडीओ डा. सीएस कुशवाहा, सत्यपाल सिंह, रमेश द्विवेदी, बृजेश यादव, रतन सिंह, सुनील पांडेय आदि मौजूद रहे।


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