ट्रंप की सत्ता उखड़ने के करीब, बाइडेन पहुंचे सत्ता के नजदीक, भारत की बढ़ेगी टेंशन

टीम भारत दीप |
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बदलाव के बाद ऐसे में भारत को अब अमेरिका से नए सिरे से​ रिश्ते को बनाने होंगे।
बदलाव के बाद ऐसे में भारत को अब अमेरिका से नए सिरे से​ रिश्ते को बनाने होंगे।

जो बाइडन का भारत से अधिक पाकिस्तान के प्रति झुकाव है। कई बार वह पाक को अमेरिका से मदद दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके है। वहीं उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भी जम्मू—कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध जता चुकी है

वाशिंगटन। इस समय विश्व सबसे के ताकतवर देश अमेरिका में बदलाव का दौर चल रहा है। पिछले कई माह से शुरू हुए चुनावी अभियान अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। मतदाताओं द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार मौजदूा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सिंहासन हिलते हुए दिखाई दे रहा है।

अभी तक के आए रूझानों के अनुसार टंप बुरी तरह मात खाते दिखाई दे रहे है। वोटों की गिनती के अनुसार इस समय जो बाइडन निर्णायक बढत की ओर आगे बढ रहे है। बाइडन ने अमेरिका के इतिहास में अब तक सबसे अधिक वोट पाने का रिकॉर्ड बना लिया है। 

नतीजों से नाराज ट्रंप ने मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर ट्रंप सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इसके साथ ही अमेरिका में चुनाव के नतीजों को लेकर हिंसा की आशंका भी जताई गई है, जिसके लिए सुरक्षा की पुख्ता तैयारियां की गई हैं।

अब तक के आए नतीजों के अनुसार ट्रंप में 214 और बाइडन 264 के आंकड़े के करीब पहुंच चुके हे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने अब तक चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने का रिकॉर्ड बनाया है।

अमेरिकी चुनावी इतिहास में किसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अब सबसे अधिक वोट मिलने का रिकॉर्ड जो बाइडेन के नाम हो गया है। अभी तक की गिनती तक जो बाइडेन 7 करोड़ वोट पा चुके हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप 6.8 करोड़ वोट के करीब हैं।

अब तक के आंकड़ों के मुताबिक जो बाइडेन अमेरिका के संभावित राष्ट्रपति नजर आ रहे है। ऐसे में अब भारत को बाइडन से रिश्तों को नए सिरे से शुरू करना होगा। क्योंकि जो बाइडन का भारत से अधिक पाकिस्तान के प्रति झुकाव है। कई बार वह पाक को अमेरिका से मदद दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके है।

 वहीं उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भी जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध जता चुकी है। ऐसे में भारत को अब नए सिरे से​ रिश्ते को साधने होंगे।  वैसे ​भारत के विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने इस बात से ​बेफिक्र है कि अमेरिका में किसकी सत्ता रहेगी, वे जानते है कि चीन से पार पाने के लिए अमेरिका को भारत का साथ चाहिए। 


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