अब ई-केवाईसी कराने वाले क‍िसानों को ही म‍िलेगी क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि, जानिए पूरा नियम

टीम भारत दीप |

इस दौरान 903 अपात्र मिले। यह तो सिर्फ दस फीसद किसानों के सत्यापन का आंकड़ा था।
इस दौरान 903 अपात्र मिले। यह तो सिर्फ दस फीसद किसानों के सत्यापन का आंकड़ा था।

आपकों बात दें कि मुरादाबाद के दो लाख 70 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की दो-दो हजार रुपये की आठवीं किस्त जारी हो चुकी है। सरकार ने सच परखने के लिए सम्मान निधि पाने वाले किसानों का सत्यापन कराया। जिले में वर्ष 2020-21 में पांच फीसद किसानों का मौके पर जाकर पीएम सम्मान निधि का लाभ पाने वाले 12,048 किसानों का सत्यापन हुआ।

मुरादाबाद। सरकार द्वारा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दिए जाने को लेकर और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अभी तक कई ऐसे मामले सामने आए है जिसमें सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी किसान सम्मान निधि की धनराशि ले लेते हैं।

जांच होने पर ऐसे लोगों से किसान सम्मान निधि की धनराशि वापस लेना मुश्किल होता है। इसलिए अब ई-केवाईसी कराने वालों किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए सभी किसानों को सूचना देकर आनलाइन ई-केवाईसी कराने के लिए कह दिया गया है।

मुरादाबाद के दो लाख 70 हजार किसान ले रहे लाभ

आपकों बात दें कि मुरादाबाद के दो लाख 70 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की दो-दो हजार रुपये की आठवीं किस्त जारी हो चुकी है। सरकार ने सच परखने के लिए सम्मान निधि पाने वाले किसानों का सत्यापन कराया। जिले में वर्ष 2020-21 में पांच फीसद किसानों का मौके पर जाकर पीएम सम्मान निधि का लाभ पाने वाले 12,048 किसानों का सत्यापन हुआ।

541 किसान मृत मिले

जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में पता चला कि 541 किसान मृतक मिले थे। अपात्रों में सभी तरह के किसान थे। इनमें कुछ ऐसे किसान भी शामिल थे, जो इनकम टैक्स देते थे। लेकिन, सम्मान निधि ले रहे थे। कई पति-पत्नी दोनों ही किसान बनकर योजना का लाभ ले रहे थे।

चालू वित्तीय में योजना का लाभ पाने वाले दस फीसद किसानों का भौतिक सत्यापन कराया गया। इस दौरान 903 अपात्र मिले। यह तो सिर्फ दस फीसद किसानों के सत्यापन का आंकड़ा था। सभी की जांच करा ली जाए तो बड़ा घपला पकड़ में आ जाएगा।

वापस ली जाएगी धनराशि

आपकों बा दें कि जिन लोगों के खाते में गलत तरीके से धनराशि पहुंची ऐसे लोगों से वापस लिए जाने का काम भी चल रहा है। सरकार ने इसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और पारदर्शी बनाने के लिए कोशिश की जा रही है। 

ई-केवाइसी से पता लग जाएगा कि आपकी आमदनी के और क्या माध्यम हैं। उप कृषि निदेशक सीएल यादव ने बताया कि भारत सरकार ने किसान सम्मान निधि की दसवीं किस्त के लिए ई-केवाइसी कराना अनिवार्य कर दिया है। किसान ई-केवाइसी अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र या लोकवाणी केंद्र पर जाकर करा सकते हैं। किसानों को अपने मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर से ई-केवाइसी करने की सुविधा है। दसवीं किस्त ई- केवाइसी कराने वाले किसानों को ही मिलेगी।

इस तरह ई-केवाइसी करें किसान 

किसान भारत सरकार की वेबसाइट pamkisan.gov.in पर जाकर केवाइसी करा सकते हैं। इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी आएगा। कोई भी किसान पोर्टल पर जाकर खुद ही केवाईसी को अपडेट कर सकता है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि खुद से न हो पाए तो किसी भी प्रमाणीकरण संस्था से किसान केवाइसी कराएं। कहीं ऐसा न हो कि आपका डाटा लेकर कोई उसका गलत इस्तेमाल कर ले। ऐसे लोगों से भी सावधान रहने की जरूरत है।

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