पाक: श्रीलंकाई को जिंदा जलाने की घटना पर रक्षामंत्री ने दिया शर्मनाक बयान,सोशल मीडिया पर हो रही निंदा

टीम भारत दीप |

शव श्रीलंकन एअरलाइंस के विमान में ले जाया गया।
शव श्रीलंकन एअरलाइंस के विमान में ले जाया गया।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बता चुके है, लेकिन खट्टक ने आगे बढ़कर कहा, हमलावरों ने इस्लाम का नारा लगाया, जो इस्लाम के खिलाफ है। इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि पाकिस्तान तबाही की तरफ जा रहा है। पाक के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने मंत्री के इस बयान को अक्षरश: छापा है।

इस्लामाबाद। एक तरफ पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था दिन प्रतिदिन धरातल में धंसती जा रही है। दूसरी तरफ पाक के मंत्री और नेता उसकी विश्व समुदाय में छिछालेदर कराने से बाज नहीं आ रहे है। ​पाक के सियालकोट शहर में हुई श्रीलंकाई नागकरिक जलाकर हत्या के मामले में पाक के रक्षामंत्री परवेज खट्टक ने शर्मनाक बयान दिया है।

खट्टक ने कहा, इस घटना को अंजाम देने वाले युवा थे, वे जोश में आ गए और यह हादसा हो गया, मैं भी जोश में आकर ‘कुछ गलत कर’ सकता हूं। पाक रक्षामंत्री ने इन हत्यारों को इस्लामी दीन बताने की शर्मनाक टिप्पणी भी की। 

इसके साथ ही पाक रक्षामंत्री ने इस घटना को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर से सरकार के प्रतिबंध हटाने के फैसले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब पूरा देश इस घटना की निंदा कर रहा है

प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बता चुके है, लेकिन खट्टक ने आगे बढ़कर कहा, हमलावरों ने इस्लाम का नारा लगाया, जो इस्लाम के खिलाफ है। इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि पाकिस्तान तबाही की तरफ जा रहा है।

पाक के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने मंत्री के इस बयान को अक्षरश: छापा है। खट्टक ने कहा, कृपया आप लोगों को समझाएं कि लड़के जज्बे में आ गए और यह काम हो गया। नौजवान लड़के कुछ भी करने के लिए तैयार होते हैं और यह उम्र के साथ सीखते भी हैं कि अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित किया जाए। बच्चों में ऐसा होता है, इसका अर्थ यह नहीं कि सरकार गलत है।

सोशल मीडिया पर दी सफाई

पाकिस्तानी रक्षामंत्री  के बयान के बाद सोशल मीडिया पर जब इसकी तीखी आलोचना हुई तो मंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सफाई पेश की। उन्होंने कहा, मैं घटना की कड़ी निंदा करता हूं। मेरी बातचीत को संदर्भ से अलग नहीं किया जाना चाहिए। मैंने घटना को एक राजनीतिक दल से जोड़ने वाले एक प्रश्न का उत्तर दिया। घटना को पाकिस्तान को बदनाम करने से जोड़ना अस्वीकार्य है।

मृतक का परिवार बेहाल

ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार दिए गए श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदाना की पत्नी निलूशी दिशानायके ने एक न्यूज एजेंसी सेे बात करते हुए बताया कि दियावदाना फैसलाबाद में एक कपड़े के कारखाने में मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी मिलने के बाद 2011 में पाकिस्तान चले गए थे।

एक साल बाद, वह सियालकोट के राजको इंडस्ट्रीज में महाप्रबंधक बन गए और कारखाने में काम करने वाले एकमात्र श्रीलंकाई नागरिक थे। दंपति के 14 और 9 साल के दो बेटे हैं और उन्होंने 2019 से अपने पिता को नहीं देखा था क्योंकि वह कोविड महामारी के कारण अपने देश की यात्रा करने में असमर्थ थे।

कोलंबो पहुंचा शव

प्रियंता कुमारा दियावदाना का पार्थिव शरीर पाकिस्तान से श्रीलंका भेज दिया गया है। लकड़ी के जिस ताबूत में शव रखा गया, उस पर लिखा था, ‘दिवंगत डोन नंदश्री पी कुमारा दियावदनागे के मानव अवशेष। लाहौर से कोलंबो तक।’

पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने कहा, श्रीलंकाई उच्चायोग के अधिकारी सोमवार सुबह यहां पहुंचे और पंजाब के अल्पसंख्यक मंत्री एजाज आलम ने लाहौर हवाई अड्डे पर शव उन्हें सौंपा। शव श्रीलंकन एअरलाइंस के विमान में ले जाया गया।

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