और टूटेगी पाक की कमर:फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे सूची में ही रहेगा पाकिस्तान

टीम भारत दीप |

आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को ​6बिलियन का लोन देने से मना कर दिया।
आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को ​6बिलियन का लोन देने से मना कर दिया।

फाइनेंशियल टास्क फोर्स ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है। तुर्की पर आरोप है कि उसने टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखने और कार्रवाई करने में लापरवाही की। उस पर 2019 से ही नजर रखी जा रही थी।

पेरिस। फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए हाथ पैर मार रहे पाक के लिए यह सबसे बुरी खबर है कि उसे अभी भी ग्रे लिस्ट में रखा गया है, इससे उसकी अर्थव्यवस्था की कमर और टूट जाएगी।

आपकों बता दें कि पाक लगातार तीन साल से फाइनेंशियल टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट बना हुआ है। गुरुवार रात पेरिस में FATF की बैठक के बाद प्रेसिडेंट मार्कस प्लीयर ने कहा- पाकिस्तान को हम गहन निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में रख रहे हैं। उसने 34 में से 30 शर्तें पूरी की हैं। चार बेहद महत्वपूर्ण शर्तें हैं, इन पर काम किया जाना बाकी है।

तुर्की पर भी गंभीर आरोप

फाइनेंशियल टास्क फोर्स ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है। तुर्की पर आरोप है कि उसने टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखने और कार्रवाई करने में लापरवाही की। उस पर 2019 से ही नजर रखी जा रही थी। उसने दिखावे के तौर पर कुछ कार्रवाई की, लेकिन यह पर्याप्त नहीं थी।

मार्कस प्लीयर ने कहा- हाई रिस्क सेक्टर में तुर्की को ज्यादा सख्त होना होगा। खास तौर पर बैंकिंग, कीमती पत्थर और रियल एस्टेट पर नजर रखनी होगी। यही मामले जॉर्डन और माली के साथ भी हैं। तुर्की को मनी लॉन्ड्रिंग केस सख्ती से डील करने होंगे। मोटे तौर पर देखें तो इमरान के कश्मीर राग में सुर मिलाने वाले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के लिए यह बहुत बड़ा झटका है।

कार्रवाई के दिए निर्देश

आपकों बता दें कि जिन देशों को निगरानी सूची में रखा गया है, उन सभी को कार्रवाई के लिए एक सूची दी गई है। ग्रे लिस्ट में आने से बचने या ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए इन्हें इन एक्शन प्लान की तमाम शर्तों को तय समय सीमा में पूरा करना होगा। वहीं मॉरीशस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से बाहर निकाल दिया गया इससे इन दोनों देशों को अब वर्ल्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से मदद मिल सकेगी।

पाक को एक सप्ताह में लगे दो झटकें

आपकों बता दें कि आतंक को पनाह देने वाले पाक को एक सप्ताह में लगातार दो झटकें लगे। इससे दो दिन पहले आईएमएफ ने साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान उसकी शर्तें पूरी नहीं करता तो उसे 6 बिलियन डॉलर का लोन नहीं दिया जाएगा।

इतना ही नहीं, आईएमएफ ने पाकिस्तान को इस लोन की पहली किश्त तक देने से इनकार कर दिया है। वॉशिंगटन में 11 दिन चली बातचीत के बाद पाकिस्तान का दल खाली हाथ लौटा था। 

यह होगा पाक को नुकसान

आपकों बता दें कि इस लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है, जिन पर टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने या इनकी अनदेखी का शक होता है। इन देशों को कार्रवाई करने की सशर्त मोहलत दी जाती है। इसकी मॉनिटरिंग की जाती है।

कुल मिलाकर आप इसे ‘वॉर्निंग विद मॉनिटरिंग’ कह सकते हैं। इस लिस्ट में शामिल हुए देशों को किसी भी इंटरनेशनल मॉनेटरी बॉडी या देश से कर्ज लेने के पहले बेहद सख्त शर्तों को पूरा करना पड़ता है। ज्यादातर संस्थाएं कर्ज देने में आनाकानी करती हैं। ट्रेड में भी दिक्कत होती है।

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