आगरा में मानव जिंदगी से खिलवाड़: पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर जैन का वीडियो वायरल

टीम भारत दीप |

डीएम आगरा प्रभु एन सिंह ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि 26 अप्रैल को चार मरीजों की मौत हुई थी।
डीएम आगरा प्रभु एन सिंह ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि 26 अप्रैल को चार मरीजों की मौत हुई थी।

जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया था। प्रशासन ने 45 कोविड मरीजों के बेड की परमिशन दी थी। डॉ. अरिंजय जैन का सोमवार को जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वह अपने हॉस्पिटल में कोविड-19 के 96 मरीजों के भर्ती होने की बात कह रहे हैं।

आगरा। यूपी के आगर शहर से एक डॉक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर सोमवार से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन दिखाई दे रहे है।

वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई आक्सीजन हटाए जाने की मॉक ड्रिल की बात कर रहे हैं। जिसमें 26 अप्रैल-2021 को कोविड-19 के भर्ती 96 मरीजों की मॉक ड्रिल में 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी।

इससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी, वीडियो वायरल होने से जिले में हड़कंप मच गया है. वहीं, डॉ. अरिंजय जैन का कहना है कि, मेरा वीडियो तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।

22 मरीजों की जान पर आई थी आफत

मालूम हो कि जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया था। प्रशासन ने 45 कोविड मरीजों के बेड की परमिशन दी थी। डॉ. अरिंजय जैन का सोमवार को जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वह अपने हॉस्पिटल में कोविड-19 के 96 मरीजों के भर्ती होने की बात कह रहे हैं।

सामने बैठे लोगों को बता रहे हैं कि, जब अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने लगी तो उन्होंने 26 अप्रैल सुबह 7 बजे एक मॉक ड्रिल की थी। यह ऑक्सीजन मॉक ड्रिल थी, जो 5 मिनट तक चली।

इसमें सभी मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति को रोक दी गई थी, जिससे या अस्पताल में भर्ती 22 मरीजों की हालत गंभीर हो गई थी, वहीं, वायरल वीडियो में हॉस्पिटल संचालक कह रहे हैं कि, आगरा का कोई भी अधिकारी या सरकार के लोग ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं कर रहे थे इसलिए उन्होंने यह मॉक ड्रिल अपनाया था।

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर

बता दें, सन् 2020 में पारस हॉस्पिटल आगरा का कोरोना एपिक सेंटर बना था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकले थे। यहीं से आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा और फर्रुखाबाद बाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था।

जिसकी वजह से प्रशासन ने हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था। हॉस्पिटल बंद भी हुआ था। लेकिन किसी तरह फिर से इसे शुरू किया गया था। वहीं, इस साल जिला प्रशासन ने उसी पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बना दिया.

संख्या से ज्यादा भर्ती किए मरीज

बता दें कि, जिला प्रशासन की ओर से पारस हॉस्पिटल को कोविड-19 के सिर्फ 45 मरीज भर्ती करने की इजाजत दी थी, लेकिन, वायरल वीडियो में हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन अपने यहां पर 96 मरीज भर्ती होने की बात कह रहे हैं, हालांकि, इस बारे में आगरा के प्रशासनिक अधिकारी अब चुप्पी साधे हैं।

इस मामले में डीएम आगरा प्रभु एन सिंह ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि 26 अप्रैल को चार कोविड मरीजों की मौत हुई थी। मामले की जांच कराई जा रही है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं यह  वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।  लोग कमेंट कर रहे है जब देश गंभीर आपदा से गुजर रहा था, तो ऐसा प्रयोग करना मानव जिंदगी को खतरे में डालना एक जघन्य अपराध है। 

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