वैक्सीन पर सियासत: सरकार सुरक्षित तो विपक्ष सुरक्षा पर उठा रहा सवाल

टीम भारत दीप |

बसपा प्रमुख मायावती वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए वैक्सीन का समथर्न किया।
बसपा प्रमुख मायावती वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए वैक्सीन का समथर्न किया।

इस वैक्सीन की इजाजत मिलने बाद से ही देश में राजनीति तेज हो गई है। सबसे पहले सपा नेता अखिलेश यादव ने वैक्सीन नहीं लगवाने का ऐलान शनिवार को किया था, जब उनकी सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे तो उन्होंने रविवार को अपना बयान बदल दिया।

नईदिल्ली। देश रविवार को कोरोना के खिलाफ जंग में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को दोनों वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी। अब देश में इस वैक्सीन को सार्वजनिक रूप से लगाया जा सकेगा।


इस वैक्सीन की इजाजत मिलने बाद से ही देश में राजनीति तेज हो गई है। सबसे पहले सपा नेता अखिलेश यादव ने वैक्सीन नहीं लगवाने का ऐलान शनिवार को किया था, जब उनकी सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे तो उन्होंने रविवार को अपना बयान बदल दिया।

इसके बाद बाद रविवार को बसपा प्रमुख मायावती वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए वैक्सीन का समथर्न किया। इसके बाद कांग्रेस नेता वैक्सीन को लेकर संदेह जता रहे है। 

मिर्जापुर के सपा विधायक ने बयान दिया था कि यह वैक्सीन से नपुसंक बना देगी ।रविवार को डीसीजीआई के निदेशक वीजी सोमानी ने इस अफवाहों को बकवास बताया और इसे सिरे से खारिज कर दिया।

डीसीजीआई के निदेशक वीजी सोमानी से पूछा गया है कि ऐसी अफवाहें चल रही है कि इस वैक्सीन को लेने से आदमी नपुंसक हो सकता है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये एकदम बकवास बात है और इसे जरा भी तवज्जो नहीं देनी चाहिए।

वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में वीजी सोमानी ने कहा कि ये वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अगर वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर जरा भी चिंता होती तो वे इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते। इन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, सरदर्द, एलर्जी जैसी मामूली दिक्कतें हो सकती है।

रविवार को बदला सुर

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है। इसी कारण देश तथा प्रदेश की भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे।

इसको अग्रिम पुख़्ता इंतजामों के बाद ही शुरू करे। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह लोगों के जीवन का विषय है, अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।

इससे पहले शनिवार देर रात अखिलेश यादव ने कहा था कि हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कि कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है। हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। समाजवादी पार्टी की सरकार वैक्सीन मुफ्त लगवाएगी।

मायावती ने किया समर्थन

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बसपा प्रमुख मायावती ने देश में कोरोना वैक्सीन का स्वागत किया है। इसको लेकर मायावती ने रविवार को एक ट्वीट भी किया है। मायावती ने लिखा है कि अति-घातक कोरोना वायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई।

इसके साथ ही केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था करें। यह कदम काफी उचित भी होगा।

शशी थरूर ने उठाया सवाल

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'कोवैक्सीन का अभी तक तीसरे चरण का परीक्षण नहीं हुआ है। स्वीकृति समय से पहले मिली है और यह खतरनाक हो सकती है। डॉ. हर्षवर्धन को स्पष्ट करना चाहिए। पूर्ण परीक्षण समाप्त होने तक इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए था। इस दौरान भारत एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ अभियान शुरू कर सकता है।

 जयराम रमेश ने किया प्रश्न

कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी इसी तरह का सवाल उठाते हुए कहा कि भारत बायोटेक प्रथम श्रेणी का उद्यम है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि तीसरे चरण के परीक्षणों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल कोवैक्सीन के लिए संशोधित किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को इसे बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।


संबंधित खबरें