कांटों भरा सफर करने वाले रामजी लाल गौतम का राज्यसभा जाना तय, जाने उनके बारे में

टीम भारत दीप |
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बीएसपी में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष को ही सबसे ताकतवर नेता माना जाता है।
बीएसपी में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष को ही सबसे ताकतवर नेता माना जाता है।

41 वर्षीय रामजी लाल गौतम इस समय काफी चर्चा में आखिर कौन है रामजी लाल गौतम जिनकी जीत के लिए मायावती ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।

लखनऊ। 41 वर्षीय रामजी लाल गौतम इस समय काफी चर्चा में आखिर कौन है रामजी गौतम जिनकी जीत के लिए मायावती ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। लखीमपुर खीरी के रहने वाले रामजी लाल गौतम को मायावती ने 2018 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था।

रामजी गौतम अभी तक कभी भी विधायक सासंद नहीं रहे है। पार्टी के लिए लगातार काम करते रहे हैं। इसी का नतीजा है कि मायावती ने रामजी लाल गौतम को राज्यसभा भेज रही है।

बीएसपी में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष को ही सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। 41 साल के गौतम केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। वे एमबीए भी कर चुके हैं। बुंदेलखंड में वे पार्टी के कोऑर्डिनेटर रहे, तेलंगाना में भी गौतम बीएसपी का काम काज देख चुके हैं । एक साल पहले रामजी लाल गौतम को बीएसपी के कथित समर्थकों ने मुंह काला करके गधे पर बैठाकर बेइज्जत किया था। 

बीएसपी में उपाध्यक्ष सबसे ताकतवार
बीएसपी में जो भी उपाध्यक्ष बना, उनका कभी भला नहीं हुआ। कांशीराम के रहते मायावती के पास ये ज़िम्मेदारी थी। फिर साल 2001 में वे पार्टी की अध्यक्ष बन गईं। उनके बाद जो भी उपाध्यक्ष बना वो राजनीति में हाशिए पर चले गए। राजामाराम कभी मायावती के उत्तराधिकारी माने जाते थे।

आजमगढ के दलित नेता राजाराम को मायावती ने उपाध्यक्ष बनाया था। वे राज्य सभा के सांसद भी बने, लेकिन मायावती किसी बात पर नाराज हुईं और राजाराम फिर गयाराम बन गए। बहनजी ने उन्हें दोबारा सांसद नहीं बनाया। अब वे जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी भर हैं।

बीच में कुछ समय के लिए आलोक वर्मा तो बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया गया। मायावती ने चुनाव आयोग को जब इस बारे में चिट्ठी भेजी तो सब हैरान रह गए पार्टी में किसी को भी आलोक वर्मा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी न तो किसी ने उन्हें देखा था और न ही उनके बारे में सुना था।

 मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को भी बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया। कहते हैं कि बहनजी अपने भाई को बहुत मानती हैं, लेकिन आनंद कुछ ही महीनों तक ही अपनी कुर्सी बचा पाए। उनकी जगह मायावती ने जयप्रकाश सिंह को उपाध्यक्ष बना दिया था।

दो ही महीनों में वे पार्टी से भी बाहर हो गए। अब रामजी गौतम को ये ज़िम्मेदारी मिली है. न जाने कब तक उनके अच्छे दिन बने रहेंगे पार्टी के कई नेता तो अभी से उनके दिन गिनने लगे हैं.

राज्य सभा चुनाव  के लिये उत्तर प्रदेश से 10 सीटों पर बसपा प्रत्याशी का नामांकन बुधवार (28 अक्टूबर) को जांच में वैध पाया गया और सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार का पर्चा निरस्त हो गया।

राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी कार्यालय  से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक नामांकन पत्रों की जांच में बसपा प्रत्याशी रामजी लाल गौतम का पर्चा वैध पाया गया। वहीं, सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का नामांकन अवैध पाये जाने के कारण निरस्त कर दिया गया।
 


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