आरबीआई ने बदला बैंक लॉकर से जुड़ा नियम,अब तीन साल का किराया देना होगा

टीम भारत दीप |

ग्राहक का लॉकर पहले से चालू है कि बैंक उनसे एफडी नहीं लेंगे।
ग्राहक का लॉकर पहले से चालू है कि बैंक उनसे एफडी नहीं लेंगे।

बैंक ग्राहकों की ओर से मिलने वाली शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ने बैंकों ने बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। आरबीआई ने नए नियम में कहा है कि बैंकों क पास लॉकर अलॉटमेंट के समय फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट लेने का अधिकार है। वहीं बैंकों को ये सुनिश्चत करना होगा कि लॉकर लेने वाला ग्राहक समय पर लॉकर चार्ज का भुगतान करें।

नई दिल्ली। अगर आपने अपनी गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए  बैंक में लॉकर ले रखा है तो यह खबर आपके लिए अति महत्वपूर्ण है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक लॉकर से जुड़े नियम में बदलाव किया है। बैंकों में जमा की जाने वाली सिक्योरिटी फैसिलिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। ग्राहकों की ओर से मिलन वाली शिकायतों के बाद ये फैसला लिया गया।

अब यह हुआ बदलाव

बैंक ग्राहकों की ओर से मिलने वाली शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ने बैंकों ने बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। आरबीआई ने नए नियम में कहा है कि बैंकों क पास लॉकर अलॉटमेंट के समय फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट लेने का अधिकार है।

वहीं बैंकों को ये सुनिश्चत करना होगा कि लॉकर लेने वाला ग्राहक समय पर लॉकर चार्ज का भुगतान करें। नए नियम के मुताबिक लॉकर अलाटमेंट के समय बैंकों द्वारा ली जाने वाली राशि में तीन साल का लॉकर किराया, लॉकर तोड़ने का शुल्क दोनों शामिल होगा। अगर किसी ग्राहक का लॉकर पहले से चालू है कि बैंक उनसे एफडी नहीं लेंगे।

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