नीता अंबानी के बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव को रिलायंस ने बताया फर्जी, कहीं ये बातें

टीम भारत दीप |

मंगलवार को छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया था।
मंगलवार को छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया था।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस मामले को फर्जी बताया है। संस्थान के प्रवक्ता के मुताबिक नीता अंबानी ने बीएचयू की ओर से विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।

नई दिल्ली। एशिया के टॉप उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव के मामले में अब चुप्पी तोड़ी गई है। इस मामले में बुधवार को नया मोड़ आ गया है। दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस मामले को फर्जी बताया है।

संस्थान के प्रवक्ता के मुताबिक नीता अंबानी ने बीएचयू की ओर से विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।

इसके बाद बीएचयू प्रशासन ने इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी कि नीता अंबानी को किसी भी संकाय या विभाग में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।

बीएचयू प्रशासन के मुताबिक विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंजूरी आवश्यक होती है। जबकि इस मामले में न तो ऐसी कोई मंजूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के सामने रखा गया है।

बताते चलें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के तहत चलने वाले महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का मामला जैसे ही उजागर हुआ तो मंगलवार को छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया था।

बताया गया कि विकल्प के तौर पर उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल की पत्नी ऊषा मित्तल और उद्योगपति गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी के नाम पर भी चर्चा थी। वहीं इस मामले में कुलपति आवास पर धरना देकर छात्रों ने बीएचयू के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए इसे विश्वविद्यालय की गरिमा के विपरीत बताया।

बताया गया कि छात्रों ने कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगाते हुए इस पर कड़ी अपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की।

वहीं कुलपति के निर्देश पर सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र छात्रों से बात करने कुलपति आवास के बाहर आकर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था जिसके बाद छात्रों ने धरना खत्म किया था।


 


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