आफत में राहत: मानसून को लेकर मिले शुभ संकेत, अच्छी होगी बारिश, अर्थव्यवस्था को लेकर जगी उम्मीद

टीम भारत दीप |

मॉनसून सामान्य रहना भारत की खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी अहम संकेत है।
मॉनसून सामान्य रहना भारत की खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी अहम संकेत है।

यह शुरुआती संकेत हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से मॉनसून के बारे में आधिकारिक सूचना 15 को दी जाएगी और 31 मई को बारिश के बारे में अनुमान बताया जाएगा। उनके मुताबिक शुरुआती विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि 1 जून तक मॉनसून केरल पहुंचेगा। बताया गया कि इस बार भी अभी तक के अनुमान के अनुसार मॉनसून सामान्य रहेगा।

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना को लेकर मचे हाहाकार है। आक्सीजन, बेड आदि की किल्लत ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी है। अर्थव्यवस्था की हालत भी बहुत खराब हो रखी है। ऐसे में मॉनसून को लेकर राहत की खबर आई है। जिससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

बताया गया कि इस बार भी मॉनसून अच्छा रहेगा। दरअसल मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 1 जून तक केरल में मॉनसून पहुंच सकता है। आमतौर पर इसी तारीख तक भारत के दक्षिणी हिस्से में मॉनसून दस्तक देता रहा है।

जानकारी के मुताबिक भूविज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने कहा है कि अनुमान के मुताबिक केरल में 1 जून को सामान्य समय पर ही आएगा। बताया गया कि यह शुरुआती संकेत हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से मॉनसून के बारे में आधिकारिक सूचना 15 को दी जाएगी और 31 मई को बारिश के बारे में अनुमान बताया जाएगा।

उनके मुताबिक शुरुआती विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि 1 जून तक मॉनसून केरल पहुंचेगा। बताया गया कि इस बार भी अभी तक के अनुमान के अनुसार मॉनसून सामान्य रहेगा। गौरतलब है कि 16 अप्रैल को बताए गए अनुमान के तहत मौसम विभाग ने बताया था कि इस बार 98 प्रतिशत बारिश हो सकती है।

विभाग के मुताबिक बारिश के अनुमान में 5 फीसदी कम या ज्यादा का अंतर देखा जा सकता है। बताया गया ​कि बीते दो सालों से भारत में मॉनसून औसत से अधिक रह रहा है। अबकी बार फिर से मॉनसून के सामान्य रहने से कृषि क्षेत्र को बड़ी मदद मिलने की उम्मीद जगाई गई है। वहीं खासतौर पर कोरोना काल में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह बेहद अहम है।

बताया गया कि मॉनसून सामान्य रहना भारत की खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी अहम संकेत है।  बताते चले कि देश में 60 फीसदी कृषि क्षेत्र है और देश की आधी आबादी को आजीविका के लिए खेती पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में भारत में खेती के लिए मॉनसून पर निर्भरता अधिक रहती है।

इतना ही नहीं भारत के 89 महत्वपूर्ण जलाशयों में जलापूर्ति के लिए भी मॉनसून का सामान्य रहना जरूरी है। बताया गया कि  कोरोना काल में मॉनसून का सामान्य रहना महत्वपूर्ण है। मौजूदा समय में देश कोरोना की दूसरी लहर के चलते आर्थिक गतिविधियों से जूझ रहा है। आशंका है कि एक बार फिर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।

देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लागू हैं और ऐसे हालात में अर्थव्यवस्था पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है। इस दृष्टि से मॉनसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी देश के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।


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