तालिबान की क्रूरता: गर्भवती महिला पुलिसकर्मी को बच्चों व परिवार के सामने मार डाला

टीम भारत दीप |

अफगानिस्तान में क्रूरता और दमन की कई घटनाएं दर्ज की गई है।
अफगानिस्तान में क्रूरता और दमन की कई घटनाएं दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक तालिबानियों ने जिस महिला को मौत के घाट उतारा वह स्थानीय जेल में काम करने वाली थी और आठ महीने की गर्भवती थी। वहीं जो आरोपी महिला पर हमला कर रहे थे उन्हें अरबी बोलते हुए सुना गया था। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार तालिबानियों ने उस महिला को उसके बच्चों और पति के सामने मार डाला।

काबुल। अफगानिस्तान में तख्ता पलट के बाद माना जा रहा था  तालिबानी इस बार उदार रवैया अपनाएंगे, लेकिन इस तालिबानी लड़ाकें पहले से ज्यादा क्रूरता करते नजर आ रहे है। रोज उनकी क्रूरता की नई -नई खबर से मानवता शर्मसार हो रही है।

तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा होने के बाद महिलाएं खास तौर पर उनके निशाने पर हैं। मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान के मध्य घोर प्रांत में तालिबान आतंकवादियों ने कथित तौर पर एक महिला पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि इस हमले में उसका चेहरा भी क्षत-विक्षत कर दिया।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक तालिबानियों ने जिस महिला को मौत के घाट उतारा वह स्थानीय जेल में काम करने वाली थी और आठ महीने की गर्भवती थी। वहीं जो आरोपी महिला पर हमला कर रहे थे उन्हें अरबी बोलते हुए सुना गया था। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार तालिबानियों ने उस महिला को उसके बच्चों और पति के सामने मार डाला।

मृतक पुलिसकर्मी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। उन फोटो में उनका शरीर पूरा खून में लथपथ है और जमीन पर है। परिवार ने कहा कि स्थानीय तालिबान ने घटना की जांच का वादा किया है।

अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव बनाने और पूरा नियंत्रण के बाद तालिबान अपने को काफी नरम दिल मानने की अपील कर रहा है। लेकिन ये तस्वीर कुछ और ही बयान कर रही है। हालाकि, अफगानिस्तान में क्रूरता और दमन की कई घटनाएं दर्ज की गई है।

महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन

तालिबान शासन के विरोध में और अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरीं महिलाओं को आतंकी समूह के लड़ाकों का दुर्व्यवहार झेलना पड़ा। राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की कोशिश कर रहीं प्रदर्शनकारियों पर तालिबानियों ने उन्हें राष्ट्रपति भवन जाने से रोका। इस दौरान महिलाओं पर आंसू गैस भी छोड़ी गई।

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की अगुवाई में काबुल में यह प्रदर्शन दो दिनों से चल रहा है। इसमें शामिल महिलाओं का कहना है कि उन्हें अपने अधिकार के साथ नई सरकार में अहम भूमिका मिलनी चाहिए।

महिलाओं का कहना है कि वे इस शर्त पर बुर्का पहनने को तैयार हैं, जब उनकी बेटियों को तालिबान शासन में स्कूल जाने की छूट मिले। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के समूह की ओर से विरोध का एक वीडियो भी जारी किया गया।

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