यूपी में अब बिना अनुबंध नहीं रखे जा सकेंगे किराएदार, अध्यादेश को मिली मंजूरी

bharatdeep news |

ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों में वाद का निपटारा करने का भी प्राविधान है।
ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों में वाद का निपटारा करने का भी प्राविधान है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने उ.प्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत अब किरायेदारी कॉन्टैक्ट के आधार पर ही करने का प्रावधान ​है। बताया गया ​है कि अध्यादेश में किसी भी किरायेदार और मकान मालिक के आपसी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथारिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्रावधान किया गया है।

लखनऊ। यूपी में अब बिना अनुबंध के किराएदार नहीं रखे जा सकेंगे। वहीं मकान मालिक अब घर के किराए में मनमानी वृद्धि भी नहीं कर सकेंगे। दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने उ.प्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मंजूरी दे दी है।

इस अध्यादेश के तहत अब किरायेदारी कॉन्टैक्ट के आधार पर ही करने का प्रावधान होगा। बताया गया ​है कि अध्यादेश में किसी भी किरायेदार और मकान मालिक के आपसी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथारिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्रावधान किया गया है।

ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों में वाद का निपटारा करने का भी प्राविधान है। इस अध्यादेश के मुताबिक अब कोई भी मकान मालिक बिना कॉन्टैक्ट के किसी को भी किराये पर अपना मकान नहीं दे सकेंगे। वहीं किराया भी अब मकान मालिक अपने मनमु​ताबिक नहीं बढ़ा सकेंगे।

बताया जा रहा है कि इस अध्यादेश से किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच आपसी विवाद में कमी आएगी। वहीं पुराने मामलों में भी किराया पुनरीक्षण किया जा सकेगा। बताया गया कि अध्या देश में ऐसे तमाम प्रविधान किए गए है जिसके तहत मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद की स्थिति न बने।

वहीं इसमें मकान मालिक व किराएदार दोनों के हितों का ख्याल रखा गया है। अध्यादेश  लागू होने के बाद मकान मालिक बिना अनुबंध के किरायेदार नहीं रख पाएंगे। वह मनमाने तरीके से किराया भी नहीं बढ़ा सकेंगे।

वहीं इसके तहत एक किराया प्राधिकरण भी बनाया गया है जिसमें मकान मालिक व किरायेदार को अलग—अलग अपनी जानकारी देनी होगी। साथ ही किराया का पूरा विवरण भी किराया प्राधिकरण को देना होगा।


संबंधित खबरें