लापरवाही की पराकाष्ठा:, बिहार के गया में हुआ यूपी के सीएम का टीकाकरण, अधिकारियो के उड़े होश

टीम भारत दीप |

दो डाटा इंट्री आपरेटरों को जिम्‍मेदार ठहरा कर उन्‍हें हटा दिया गया है।
दो डाटा इंट्री आपरेटरों को जिम्‍मेदार ठहरा कर उन्‍हें हटा दिया गया है।

गया जिले के टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल में कोविड टीके की पहली डोज लेने वालों की सूची में राज्‍य की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधायक गोपाल मंडल के साथ ही यूपी झारखंड के सीएम योगी आदित्यनाथ और हेमंत सोरेन का नाम जोड़ दिया, जिसे सुनकर हर कोई मजे ले रहा है।

गया-बिहार। बिहार के गया जिले में कोविड जांच और टीकाकरण अभियान में जमकर घपला किया गया। टीकाकरण के लिए आम नागरिकों की जगह कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को अपने यहां टीकारण कराने वालों की सूची में डाल दिया गया।

इसी तरह अरवल जिले में आटीपीसीआर जांच कराने वालों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बालीवुड अभिनेत्री प्र‍ियंका चोपड़ा का नाम शामिल होने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि गया जिले में कोविड टीकाकरण कराने वालों की सूची ने यूपी और झारखंड के मुख्यमंत्रियों का नाम शामिल करके कर्मचारियों ने लापरवाही की पराकाष्ठा ही पार कर दी।

गया जिले के टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल में कोविड टीके की पहली डोज लेने वालों की सूची में राज्‍य की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधायक गोपाल मंडल के साथ ही यूपी झारखंड के सीएम योगी आदित्यनाथ और हेमंत सोरेन का नाम जोड़ दिया, जिसे सुनकर हर कोई मजे ले रहा है। 

साइबर अपराध का मामला दर्ज

अरवल जिले में हुई गड़बड़ी के लिए प्राथमिक तौर पर दो डाटा इंट्री आपरेटरों को जिम्‍मेदार ठहरा कर उन्‍हें हटा दिया गया है। इस मामले में जांच भी शुरू कर दी गई है। इसके बाद गया जिले के टिकारी में भी ऐसी ही गड़बड़ी सामने आ गई।

टिकारी अनुमंडलीय अस्‍पताल से फीड किए गए डाटा में मंगलवार की दोपहर सामने आई। इसके बाद तो अस्पताल के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। इस मामले में अस्‍पताल के उपाधीक्षक डॉ. विश्‍वमूर्ति मिश्रा ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए साइबर अपराध की संभावना जताई है। उनके मुताबिक साइबर अपराधियों ने इस कार्य को किया है। 

कश्‍मीर से भी जुड़ा कनेक्‍शन

गया के सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय ने भी इसे साइबर हैकरों की करतूत बताया है। डीपीएम निलेश कुमार के मुताबिक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की जांच में एक संदिग्‍ध मोबाइल नंबर पकड़ में आया है, इस नंबर पर काल किए जाने पर रिसीव करने वाले शख्‍स ने खुद को जम्मू कश्मीर का निवासी बताया है। कोविन पोर्टल पर गलत डाटा दर्ज करने के लिए वोटर आईडी के विकल्‍प का इस्‍तेमाल किया गया।

मोदी, शाह ने कराई आरटीपीसीआर जांच 

आपकों बता दें कि इससे पहले 27 अक्टूबर को अरवल जिले के करपी प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आरटीपीसीआर जांच कराने वाले लोगों में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री का नाम जोड़ दिया गया था।

 इस मामले में दो डाटा इंट्री आपरेटरों प्रवीण कुमार और विनय कुमार को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि दोनों आपरेटरों ने इस मामले में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारी पर ही दबाव बनाकर गलत डाटा दर्ज कराने का आरोप लगाया है।

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