पीएनबी के 12 हजार पार्ट टाइम कर्मचारियों का भविष्य 90 दिन में तय होगा,सरकार ने दिया यह आदेश

टीम भारत दीप |

वी बैंकर्स पीएनबी के इन शोषित पार्ट टाइम स्वीपर की लड़ाई को लगातार लड़ता रहेगा जब तक इन्हें न्याय नही मिल जाता।
वी बैंकर्स पीएनबी के इन शोषित पार्ट टाइम स्वीपर की लड़ाई को लगातार लड़ता रहेगा जब तक इन्हें न्याय नही मिल जाता।

पंजाब नैशनल बैंक के साथ हुए यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मर्जर के वक्त भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था, कि मर्जर के बाद किसी तरह का कर्मचारियों का हित नही मारा जाएगा। इसके लिए ये व्यवस्था की गई थी, कि तीनों बैंको में जो भी सबसे अच्छी व्यवस्था होगी वो सभी कर्मचारियों को दी जाएगी।

कानपुर। देश की बड़ी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के देशभर के विभिन्न शाखाओं में कार्यरत बारह हजार पार्ट सफाई कर्मचारियों को फुलटाइम करने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। अभी तक के समझौते के सारे प्रयास फेल हो चुके है।

अब इन कर्मचारियों को फुल टाइम करने के मुद्दे को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने अपने रेफरेंस आर्डर के माध्यम से केंद्रीय सरकार औद्यौगिक न्यायाधिकरण (सीजीआईटी) कानपुर को सौपा है। आदेश में सीजीआईटी कानपुर के सक्षम पीठाशीन अधिकारी को उक्त मामले को 90 दिनों में निपटाने का आदेश भी जारी किया है।

सहयोगी बैंक ने कर दिया है फुल टाइम कर्मचारी

पंजाब नैशनल बैंक के साथ हुए यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मर्जर के वक्त भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था, कि मर्जर के बाद किसी तरह का कर्मचारियों का हित नही मारा जाएगा।

इसके लिए ये व्यवस्था की गई थी, कि तीनों बैंको में जो भी सबसे अच्छी व्यवस्था होगी वो सभी कर्मचारियों को दी जाएगी। लेकिन मर्जर के बाद बैंक के सबसे छोटे तबके यानी पार्ट टाइम स्वीपर के साथ आज तक न्याय नही हो सका।

यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक के पार्ट टाइम स्वीपर तो फुल टाइम कर दिया गया है। लेकिन पंजाब नैशनल बैंक के लगभग 12000 पार्ट टाइम स्वीपर आज तक फुल टाइम नही किए गए। जिसको लेकर कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन जताया जा रहा है। 

90 दिन में देना होगा निर्णय

इस मुद्दे को यूनाइटेड फोरम ऑफ वी बैंकर्स के द्वारा बैंक प्रबंधन के विरुद्ध इस अनिमितताओं पर एक औद्योगिक विवाद लगाया गया। जिसे क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केंद्रीय) लखनऊ, ओम प्रकाश सिंह के द्वारा मामले में समझौते की प्रक्रियाओं के भरपूर प्रयास किए गए।

पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन के द्वारा मामले में कोई समाधान नही निकला। इसके बाद इस मामले को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धाराओं में भारत सरकार के श्रम मंत्रालय को सौपा गया। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के द्वारा इस मामले पर फैसला देने के लिए कानपुर के केंद्रीय सरकार औधोगिक न्यायाधिकरण के पीठशीन अधिकारी को मामला सौपा गया है।

इसके साथ ही मामले में तय करने का निर्देश दिया है, कि मर्जर के बाद भी पीएनबी के पार्ट टाइम स्वीपर को फुल टाइम नहीं किया जाना क्या न्यायोचित है। अगर नही तो इन पार्ट टाइम स्वीपर को क्या लाभ प्रदान किया जाना चाहिए। इस मुद्दे के लिए मंत्रालय ने औद्यौगिक न्यायाधिकरण कानपुर को नियमानुसार 90 दिनों में फैसला देने का आदेश जारी किया है।

इस संदर्भ में वी बैंकर्स के राष्ट्रीय संयोजक कमलेश चतुर्वेदी ने कहा कि वी बैंकर्स पीएनबी के इन शोषित पार्ट टाइम स्वीपर की लड़ाई को लगातार लड़ता रहेगा जब तक इन्हें न्याय नही मिल जाता। पार्ट टाइम सफाई कर्मचारी लगातार प्रबंधन के आदेश की तरफ टकटकी लगाए हुए है। 

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