चार साल तक कालका स्टेशन पर पड़ी रही तिजोरी, खुली तो नोट हो चुके सब खराब

टीम भारत दीप |

छोटे रेलवे स्टेशनों से बुकिंग, पार्सल आदि का कैश इस तिजोरी में सील कर डाल दिया जाता था।
छोटे रेलवे स्टेशनों से बुकिंग, पार्सल आदि का कैश इस तिजोरी में सील कर डाल दिया जाता था।

नई दिल्ली से अंबाला रेलवे स्टेशन का कैश लेकर अंबाला पहुंची कैश सेफ तिजोरी को ट्रेन से उतारी ही नहीं गई और कालका पहुंच गई। यह तिजोरी कालका रेलवे स्टेशन पर चार साल तक पड़ी रही। इस बीच, नोटबंदी हो गई। चार साल बाद अधिकारियों को तिजोरी की याद आई। उसे खोला गया तो उसमें रखे पांच सौ और हजार रुपये के नोट बेकार हो चुके थे।

अंबाला। रेलवे कर्मचारियों की एक घोर लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही से रेलवे को करोड़ाे रुपये का नुकसान हुआ है। यहां रेलवे कर्मचारियों द्वारा  नई दिल्ली से अंबाला रेलवे स्टेशन का कैश लेकर अंबाला पहुंची कैश सेफ तिजोरी को ट्रेन से उतारी ही नहीं गई और कालका पहुंच गई।

यह तिजोरी कालका रेलवे स्टेशन पर चार साल तक पड़ी रही। इस बीच, नोटबंदी हो गई। चार साल बाद अधिकारियों को तिजोरी की याद आई। उसे खोला गया तो उसमें रखे पांच सौ और हजार रुपये के नोट बेकार हो चुके थे।

 इस प्रकरण की जांच के लिए अंबाला मंडल के अधिकारियों से भी जवाब-तलब किया गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर पार्सल विभाग में किस-किस कर्मचारी की ड्यूटी उस दिन थी।

मालूम हो कि  25 अक्टूबर 2016 को दिल्ली से अंबाला के लिए पैसेंजर ट्रेन नंबर 54303 में तिजोरी रखी गई थी। छोटे रेलवे स्टेशनों से बुकिंग, पार्सल आदि का कैश इस तिजोरी में सील कर डाल दिया जाता था। गार्ड के पास एंट्री करने वाले कर्मचारी के हस्ताक्षर होते थे और यह तिजोरी सभी स्टेशनों का कैश जुटाने के बाद दिल्ली पहुंच जाती थी।

दिल्ली में खुलती है तिजोरी

दिल्ली में अधिकारियों की मौजूदगी में इसे खोलकर कैश जमा कराया जाता था। 25 अक्टूबर को चली तिजोरी अंबाला नहीं उतरी, बल्कि कालका पहुंच गई। कई महीनों बाद नींद से जागे अधिकारियों को जब पता चला कि दिल्ली से अंबाला के बीच जिन स्टेशनों का कैश तिजोरी में डाला गया था, वह जमा ही नहीं हुआ।

तिजोरी की तलाश की गई तो कालका स्टेशन पर मिल गई। इसमें करीब तीन लाख रुपये कैश बताया जा रहा है, लेकिन 500-1000 रुपये के नोट बेकार हो चुके हैं।

दो क्विंटल वजनी है तिजोरी

रेलवे की इस तिजारी का वजन लगभग दो क्विंटल है। इसकी चाबी दिल्ली के कर्मचारियों के पास होती है। ट्रेन में तिजोरी रखने के बाद जो भी कर्मचारी इसमें कैश डालता है, वह बकायदा उसकी एंट्री गार्ड के पास करता है। तिजोरी को उतारने और ट्रेन में चढ़ाने के लिए भी चार कर्मचारियों की जरूरत होती है।

इस विषय में सीनियर डीसीएम वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक,हरि मोहन ने बताया कि यह प्रकरण दिल्ली मंडल से जुड़ा है। कैश सेफ में दिल्ली मंडल के स्टेशनों का कैश था। अंबाला में गार्ड ने कैश सेफ उतारने के लिए नहीं कहा था, जिस कारण तिजोरी कालका पहुंच गई थी। गार्ड की जिम्मेदारी तय की गई है,क्योंकि गार्ड ने न ही अंबाला और न ही कालका में कैश सेफ उतारने की बात कही।
 


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