हाथरस प्रकरण में यूपी सरकार की सुप्रीम कोर्ट में गुहार, अपनी निगरानी में कराएं सीबीआई जांच

टीम भारत दीप |

जांच को बाधित करने की कोशिश की जा सकती है।
जांच को बाधित करने की कोशिश की जा सकती है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14 सितंबर को मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया था।

नई दिल्ली। हाथरस में बिटिया के साथ हैवानियत और कथित गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। इसमें कहा गया कि कथित बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए जाना चाहिए। 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कहा कि हालांकि वो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन जनता में निष्पक्ष जांच के विश्वास के लिए आवश्यक है जांच कोर्ट की निगरानी में हो। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14 सितंबर को मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया था। 

वहीं आधी रात को पीड़िता की अंत्येष्टि करने को योगी सरकार ने जायज ठहराते हुए इसकी वजह भी बताई। उनके अनुसार खुफिया एजेंसियों के इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर दंगा करने की तैयारी की जा रही है, यदि सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी। 

इस मामले में राज्य सरकार ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई की जांच हो क्योंकि झूठे नैरेटिव के माध्यम से जांच को बाधित करने की कोशिश की जा सकती है। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक कि जांच का ब्योरा देते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए जातीय संघर्ष और हिंसा करने को उकसाने की आपराधिक साजिश यहां रची गई है। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि अदालत की निगरानी में सीबीआई को समयबद्ध जांच के आदेश दें। 


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