मोदी कैबिनेट विस्तार में बजा यूपी का डंका, मिशन—2022 का साधा गया समीकरण

टीम भारत दीप |

मोदी कैबिनेट विस्तार में मिशन—2022 का पूरा ध्यान रखा गया।
मोदी कैबिनेट विस्तार में मिशन—2022 का पूरा ध्यान रखा गया।

यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नेताओं को अपने मंत्री परिषद में जगह दी है। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में अपना दल की अनुप्रिया पटेल, महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह बघेल, जालौन सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, खीरी सांसद अजय मिश्रा टेनी और मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर नए मंत्री बनाए गए हैं।

लखनऊ। जैसा कि नरेन्द्र मोदी व अमित शाह के बारे में जाना जाता है। कैबिनेट विस्तार में वो साफ नजर भी रहा। चुनावी माहौल में सभी समीकरणों को साधते हुए  मोदी कैबिनेट विस्तार में यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव का पूरा ध्यान रखा गया है।

दरअसल यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नेताओं को अपने मंत्री परिषद में जगह दी है। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में अपना दल की अनुप्रिया पटेल, महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह बघेल, जालौन सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, खीरी सांसद अजय मिश्रा टेनी और मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर नए मंत्री बनाए गए हैं।

वहीं अनुप्रिया पटेल् मोदी की पहली सरकार में भी मंत्री रही हैं।

अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं। 2014 के आम चुनावों में बीजेपी से गठबंधन करके अपना दल ने प्रदेश में 2 सीट जीतीं थी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इन्हें राज्य स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। दरअसल अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल यूपी में राजनीति का बड़ा चेहरा रहे है और वह बसपा के संस्थापकों में थे।

बाद में उन्होंने बसपा से अलग राह चुनी और अन्य पिछड़ा वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपना दल बना लिया था। बताया जाता है कि अनुप्रिया राजनीति में नहीं आना चाहती थीं मगर पिता सोनेलाल की 2009 में सड़क दुर्घटना में मौत ने उनकी जिंदगी बदल दी। दरअसल पिता की मौत के बाद वह पार्टी में आईं और उन्हें जनता का प्यार मिला। साल 2102 में वह रोहनिया विधानसभा से जीतीं।

2014 में मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव जीतीं। फिर रोहनिया सीट पर उपचुनाव में वह अपने पति को लड़ाना चाहती थीं मगर मां कृष्णा पटेल खुद उतरीं और हार गईं। इसके बाद घरेलू झगड़ा बढ़ा और मां ने अनुप्रिया पटेल और उनके करीबी नेताओं को पार्टी से निकाल दिया। जिसके बाद अनुप्रिया ने 2019 में अपना दल (सोनेलाल) बना लिया।

भानु प्रताप सिंह वर्मा  
मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले  भानु प्रताप सिंह वर्मा यूपी के जालौन से सांसद हैं। दरअसल भानु प्रताप ने जालौन से 1996, 1998, 2004, 2014 और 2019 का चुनाव जीता है। वहीं भानु प्रताप के राजनीतिक करियर की बात करें तो 1991-92 में उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद वह लोकसभा चुनाव लड़े और जीते।

कौशल किशोर
मोदी सरकार में जगह बनाने वाले कौशल किशोर यूपी के लखनऊ जिले की मोहनलालगंज सीट से लोकसभा सांसद हैं। कौशल किशोर परख महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के एससी विंग के अध्यक्ष हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए गैर जाटव दलित वोट को लुभाने के लिए इनको मंत्री परिषद में जगह दी है।

कौशल किशोर पासी समाज से हैं,जो यूपी में जाटव वोट के बाद दूसरे नंबर पर आता है। वहीं कौशल किशोर के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह उत्तर प्रदेश में विधायक और वहां की सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। मई 2014 में 16वें लोकसभा चुनाव में वह सांसद बने और फिर 2019 में दोबारा जीत हासिल की।

पंकज चौधरी
इसी तरह मोदी सरकार के नए मंत्री पंकज चौधरी यूपी के महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं। पंकज का राजनीतिक कैरियर की बात करें तो वह 1989 में वह गोरखपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए। वहीं 1991 में पार्टी ने इन पर भरोसा जताते हुए लोकसभा का टिकट दिया और वो महाराजगंज सीट से चुनाव जीते। यूपी की महाराजगंज सीटी से पंकज छठी बार सांसद चुने गए हैं।

1991 से 2004 तक इस सीट पर पंकज का कब्जा था मगर 2009 के चुनाव में वो हार गए। इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने फिर जीत हासिल की और पार्टी ने अब इनको मंत्री बनाया है।

एसपी सिंह बघेल
मोदी सरकार के नए मंत्री सत्यपाल सिंह सिंह बघेल यूपी के इटावा के रहने वाले हैं। दरअसल बघेल यूपी में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं। मगर बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। बघेल बसपा में भी रह चुके हैं। उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो एसपी सिंह बघेल 1998, 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जलेसर सीट से सांसद बने।

वहीं 2014 में वह बसपा की ओर से राज्यसभा सांसद रहे। वहीं 2019 के चुनाव में वह आगरा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी थे और भारी मतों से जीतकर चौथी बार यहां से सांसद चुने गए।

अजय मिश्र टेनी
वहीं मोदी सरकार में मंत्री बने अजय मिश्र टेनी को लेकर चर्चा है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के लिए अजय मिश्र टेनी को मोदी सरकार में मंत्री पद दिया गया है। वहीं अजय मिश्र के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह इस समय लखीमपुर खीरी से सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय ने बड़ी जीत दर्ज की।

दरअसल खीरी लोकसभा सीट से इन्होंने दो बार जीत दर्ज की है और वह संसद रत्न पाने वाले यूपी के पहले नेता हैं।

बीएल वर्मा
वहीं यूपी से मोदी सरकार में बीएल वर्मा को भी मंत्री पद मिला है। दरअसल बीएल वर्मा राज्यसभा सांसद हैं और बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी रहे हैं। वहीं बीएल वर्मा RSS से भी जुड़े रहे हैं। बीएल वर्मा को बीजेपी ने पिछले साल ही राज्यसभा का टिकट देकर संसद में भेजा था।

दरअसल कल्याण ने जब जनक्रांति पार्टी बनाई थी, तब बीएल वर्मा उसके प्रदेश अध्यक्ष बने थे। बीजेपी में 1984 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री बने थे। वहीं 1997 में भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बने।

कुल मिलाकर मोदी की कैबिनेट में शामिल यूपी के इन चेहरों के सहारे भाजपा ने सोशल इंजिनियरिंग का जो दांव चला है, वो मिशन—2022 के लिए कितना कारगर साबित होगा,यह तो समय बताएगा। मगर यहां के जातियों के समीकरण को साधते हुए भाजपा ने एक संदेश तो दे ही दिया है।
 


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