वाराणसी: यूपी बोर्ड की तैयारी के लिए एसडीएम करेंगे विद्यालयों का भौतिक सत्यापन

टीम भारत दीप |

विद्यालयों के भौतिक संसाधनों की सूचना परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है।
विद्यालयों के भौतिक संसाधनों की सूचना परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है।

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विनोद कुमार राय ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में पारदर्शीता बरतने के लिए बोर्ड ने इस बार भी आनलाइन केंद्र निर्धारण करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने विद्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन जिला स्तर पर गठित समिति कराने का निर्देश दिया है।

वाराणसी। प्रदेश मों माध्यमिक से उच्च शैक्षणि सत्र 16 अगस्त  से खुलने जा रहे है। ऐसे में बेपटरी हुए शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है, ताकि कॉलेजों में फिर से कक्षाएं शुरू हो सकें। सत्र को नियमित बनने रखने के लिए यूपी बोर्ड वर्ष 2022 में होने वाली परीक्षाओं की तैयारी में अभी से जुट गया है।

इस क्रम में मुख्यालय स्तर से केंद्र बनाने के लिए बोर्ड ने सभी जनपदों के डीआईओएस से विद्यालयों मेंं उपलब्ध भौतिक संस्थानों का विवरण मांगा गया है। इस क्रम में जनपद स्तर पर उपलब्ध संस्थानों का भौतिक सत्यापन के लिए टीम भी गठित कर दी है। एसडीएम की अध्यक्षता में गठित होने वाली टीम से एक सप्ताह के भीतर विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है ताकि 25 अगस्त बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।


जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विनोद कुमार राय ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में पारदर्शीता बरतने के लिए बोर्ड ने इस बार भी आनलाइन केंद्र निर्धारण करने का निर्णय लिया है।

इसके तहत बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने विद्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन जिला स्तर पर गठित समिति कराने का निर्देश दिया है। इस क्रम में जनपद स्तर पर जिला समितियों का गठन किया जा चुका है। समिति से निर्धारित प्रारूप पर दो प्रतियाें में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

इसमें समिति के सदस्यों और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर हों। प्रपत्र की एक प्रति प्रधानाचार्य और दूसरी प्रति के आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से विद्यालयों के भौतिक संसाधनों की सूचना परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है।

इसके साथ ही अक्सर यह देखने में आता है कि केंद्र निर्धारण में विद्यालय के मध्य दूरी अधिक होती है। इससे मुक्ति पाने के लिए समिति अपने सामने ही परिषद द्वारा तैयार मोबाइल एप से विद्यालय प्रांगण से ही विद्यालयों की मैपिंग/ जिओ टैगिंग की सूचना प्रधानाचार्य से परिषद की वेबसाइट पर अपडेट कराएंगे।

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