मोदी सरकार की दूसरी नोटबंदी से महिलाएं परेशान, अबकी बचत का ये प्लान

टीम भारत दीप |

दो हजार का नोट लाने का उद्देश्य नकदी आपूर्ति को संतुलित करना था।
दो हजार का नोट लाने का उद्देश्य नकदी आपूर्ति को संतुलित करना था।

व्यापारी अपना नोट बदल लेगा, नेता अपने नोट बदल लेंगे लेकिन सबसे ज्यादा टेंशन में वो भारतीय नारियां हैं जो अपने पतियों से छिपाकर घर में 2000 के नोट जमा करे जा रहीं थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने देश में दूसरी नोटबंदी की घोषणा से एक बार फिर हलचल मचा दी है। यह हलचल बैंक के केबिन से लेकर घर की रसोई तक है। आम जनमानस से लेकर बडे़ घर की महिलाओं तक इसकी चर्चा है और ये गृहणियां एक बार फिर मोदी जी के मास्टर स्ट्रोक का शिकार हो गई हैं। 

दरअसल, रिजर्व बैंक ने जबसे दो हजार रूपये के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय लिया है, तबसे पूरे देश में इस निर्णय की सभी लोग अपने तरीके से चर्चा कर रहे हैं। विपक्ष जहां से मोदी सरकार की विफलता बता रहा है तो सत्ता पक्ष के लोग इसे काला धन बाहर लाने का मास्टर स्ट्रोक कह रहे हैं। 

हालांकि, आरबीआई का कहना है कि दो हजार रूपये का नोट बंद होने से कोई खास असर किसी वर्ग को नहीं पड़ने वाला क्योंकि 2018 से इस नोट की छपाई बंद चल रही थी। यानी 2016 में नोटबंदी के टाइम जो नोट छपे थे केवल वही चलन में थे उसके बाद इसकी छपाई बहुत ज्यादा नहीं हुई। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि दो हजार का नोट लाने का उद्देश्य नकदी आपूर्ति को संतुलित करना था। 2016 में पांच सौ और एक हजार रूपये का नोट बंद होने से देश में जो स्थिति उत्पन्न हुई थी उससे निपटने के लिए यह नोट लाया गया था। अब इसका उद्देश्य पूरा हो गया है। इसलिए यह नोट बंद करने का निर्णय लिया गया है। 
 
अब सरकार या आरबीआई की मंशा जो भी हो, इस हल्की नोटबंदी से थोड़ा असर तो सब पर पड़ेगा ही। व्यापारी अपना नोट बदल लेगा, नेता अपने नोट बदल लेंगे लेकिन सबसे ज्यादा टेंशन में वो भारतीय नारियां हैं जो अपने पतियों से छिपाकर घर में 2000 के नोट जमा करे जा रहीं थीं। 

आगरा के दयालबाग स्थित एकता पार्क में शुक्रवार को टहलने आईं गृहणियां जब बेंच पर बैठकर चर्चा करने लगीं तो बात होते-होते दो हजार के नोट पर आ गई। बहस हुई और सरकार के निर्णय से सब मायूस दिखे। इसके बाद एक मत से निर्णय हुआ कि अब से हम बड़े-बड़े नोटों में बचत करके नहीं रखेंगे। 

सुष्मिता सरन ने कहा अब से हम 100 और 50 नोटों को बचाकर रखा करेंगंे। क्या पता कल को पांच सौ का भी बंद हो जाए। इसके बाद गंभीर बहस हंसी में बदल गई। 


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