112 पर काॅल कर अपनी बोली में शिकायत दर्ज करा सकेंगी महिलाएं, यहां से आया विचार
अपडेट हुआ है:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप हेल्पलाइन नंबरों पर यूपी में अब किसी भी क्षेत्रीय भाषा जैसे भोजपुरी, अवधी, बुंदेली आदि में संवाद स्थापित करने के क्रम में पहल की जा चुकी है। इससे सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण अंचल में रहने वाली महिलाओं को होगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला (आधी आबादी) सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं। उनके द्वारा सूबे में मिशन शक्ति अभियान की पहल इसी ओर बढ़ता एक कदम बताया जा रहा है। इस अभियान की पहल कर सूबे में महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के प्रयास में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप हेल्पलाइन नंबरों पर यूपी में अब किसी भी क्षेत्रीय भाषा जैसे भोजपुरी, अवधी, बुंदेली आदि में संवाद स्थापित करने के क्रम में पहल की जा चुकी है। अब यूपी में 112 नंबर डायल कर क्षेत्रीय भाषा में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
इससे सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण अंचल में रहने वाली महिलाओं को होगा। पहले वह इसे लेकर थोड़ा असहज महसूस करती थीं लेकिन इस सुविधा के चालू होने से उन्हें सहजता होगी।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते रविवार को मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला जनप्रतिनिधियों से ऑनलाइन वार्ता कर रहे थे। वह महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन पर चर्चा कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने हेल्पलाइन नंबरों के प्रचार-प्रसार की जरूरत बताई।
इस पर बलिया के ग्राम रतसार कला गढ़वार की ग्राम प्रधान स्मृति सिंह ने सुझाव दिया कि हेल्पलाइन नंबर पर भोजपुरी और बुंदेलखंडी जैसी अन्य क्षेत्रीय बोली में भी बात करने की सुविधा होनी चाहिए। क्षेत्रीय बोली में अपनी बात कह पाने की सुविधा होने पर महिलाओं को सहूलियत होगी।
इस सुझाव से योगी ने सहमति जताते हुए अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था पर विचार करने के निर्देश दिए। जिसके बाद अब यह सुविधा लागू कर दी गई है। अब महिलाएं आसानी से अपनी क्षेत्रीय भाषा में शिकायत दर्ज करा सकेंगी। साथ ही शिकायतों पर तुरंत एक्शन भी लिया जा सकेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अभी क्षेत्रीय भाषा में ही बात करती हैं। ऐसे में हेल्पलाइन पर क्षेत्रीय भाषा की सुविधा उनके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। बताते चलें कि शारदीय से बासंतिक नवरात्र तक चलने वाले ‘मिशन शक्ति’ अभियान का असर धरातल पर दिखे, इसके लिए मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम की त्रिस्तरीय समीक्षा के निर्देश दे रखे हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देष के मुताबिक शासन स्तर पर मुख्य सचिव हर महीने, जिलाधिकारी साप्ताहिक और संबंधित विभाग दैनिक समीक्षा करेंगे। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी।