आगरा: मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाला पारस अस्पताल हुआ सील, लाइसेंस भी निलंबित

टीम भारत दीप |

रिपोर्ट आने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है।
रिपोर्ट आने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है।

बुधवार दोपहर तक अस्पताल को सील करने की कार्रवाई भी पूरी कर ली गई। वहीं मॉक ड्रिल मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आगरा सीएमओ आरसी पांडेय के मुताबिक मॉक ड्रिल प्रकरण में गठित जांच कमेटी की फाइनल रिपोर्ट आने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है।

आगरा। आगरा के पारस अस्पताल में मौत की मॉक ड्रिल मामले में देर से ही सही आखिरकार प्रशासन की नींद टूटी। जिसके बाद प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया। वहीं बुधवार दोपहर तक अस्पताल को सील करने की कार्रवाई भी पूरी कर ली गई।

वहीं मॉक ड्रिल मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आगरा सीएमओ आरसी पांडेय के मुताबिक मॉक ड्रिल प्रकरण में गठित जांच कमेटी की फाइनल रिपोर्ट आने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।

वहीं इससे पहले पारस अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन पर देर रात प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई है। बताया गया था कि मरीज भर्ती होने के कारण अस्पताल को सील करने में आज यानी बुधवार दोपहर तक का वक्त लग सकता है। वहीं प्रशासन की कार्रवाई के बाद मरीज और तीमारदारों की परेशानी बढ़ गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आरके अग्निहोत्री ने थाना न्यू आगरा में पारस अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। तहरीर में उन्होंने वायरल वीडियो में ऑक्सीजन खत्म होने की बात बोलकर भ्रामक स्थिति पैदा करने की बात कही है। वहीं अस्पताल संचालक अरिंजय जैन के खिलाफ आपदा प्रबंधन, महामारी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।

वहीं जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने अस्पताल में भर्ती 55 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम की देखरेख में किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही गई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग देर रात तक व्यवस्था नहीं कर पाया। बताया गया कि अधिकांश मरीजों को परिजन छुट्टी करवा कर ले गए। अस्पताल में तीन मरीज वेंटिलेटर पर हैं और कई गंभीर हैं।

बाद में इनको शिफ्ट कराया गया। जिला प्रशासन के मुताबिक मॉक ड्रिल के दिन 7 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 26 अप्रैल में हुई मौतों का प्रशासन ने खाका जारी नहीं किया था। इस क्रम में अस्पताल में मृतकों की सूची जारी की गई थी।

जिसके मुताबिक 26 अप्रैल को रामवती (62) पत्नी नत्थी लाल निवासी मधुनगर,मीना ग्रोवर (62) पत्नी एलआर ग्रोवर निवासी लोहा मंडी,आशा शर्मा (58) पत्नी सुरेश चंद्र निवासी कालिंदीपुरम,मुन्नी देवी (46) पत्नी अशोक कुमार, दहतोरा वहीं 27 अप्रैल को,राधिका अग्रवाल (36) पत्नी सौरव अग्रवाल निवासी राजा मंडी,मीरा देवी (58) पत्नी लक्ष्मी नारायण निवासी पश्चिम पुरी,

रिंकू यादव (30) केयर ऑफ कांता प्रसाद निवासी गांधीनगर के मौत होने की बात कहीं गई है।


संबंधित खबरें