सैलरी की लड़ाई को सामाजिक झगड़ा बनाने का था प्लान, मालिक को फंसाने के लिए बुना जाल

टीम भारत दीप |

हरीपर्वत थाने में दर्ज केस की विवेचना एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा को मिली है। केस में एससी-एसटी की धारा भी लगी है।
हरीपर्वत थाने में दर्ज केस की विवेचना एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा को मिली है। केस में एससी-एसटी की धारा भी लगी है।

छत की फर्श पर बाबा साहब और भगवान बुद्ध के टाइल्स लगाने की जानकारी होने पर आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। एक पुलिसकर्मी की वर्दी भी फटी थी। पुलिस ने पांच कार्यकर्ता पकड़े थे, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था।

आगरा। आगरा में दिल्ली गेट स्थित नर्सिंग होम की छत की फर्श पर डॉ. आंबेडकर और भगवान बुद्ध की तस्वीरों वाले टाइल्स लगाने और उन्हें क्षतिग्रस्त करने की साजिश हॉस्पिटल के कर्मचारी ने रची थी। चिकित्सक ने ही कर्मचारी पर शक जताया था। दूसरी ओर, आजाद समाज पार्टी ने अपने पदाधिकारी को फंसाने का आरोप लगाया है।

सरकार नर्सिंग होम की छत की फर्श पर बाबा साहब और भगवान बुद्ध के टाइल्स लगाने की जानकारी होने पर आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। एक पुलिसकर्मी की वर्दी भी फटी थी। पुलिस ने पांच कार्यकर्ता पकड़े थे, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था। पार्टी के महानगर अध्यक्ष अधिवक्ता शान मोहम्मद की तहरीर पर नर्सिंग होम मालिक और कर्मचारी सत्यप्रकाश के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

इस मामले में हॉस्पिटल के कर्मचारी राकेश की भूमिका सामने आई। पुलिस ने पकड़ा तो उसने सच उगल दिया। एडीसीपी क्राइम हिमांशु गौरव ने बताया कि राकेश से पूछताछ में पता चला कि नर्सिंग होम की छत पर लगाने के लिए उसने 17 अप्रैल को टाइल्स खरीदे और 13 मई को चुपचाप ऊपर जाकर लगा दिया।

बीते शुक्रवार को राकेश नाला काजीपाड़ा निवासी आजाद समाज पार्टी के मंडल प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य अनिल कर्दम के घर पहुंचा। उन्हें टाइल्स की जानकारी दी। राकेश का नर्सिंग होम मालिक से 28 दिन के वेतन का विवाद चल रहा है। वह चिकित्सक को सबक सिखाना चाहता था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी राकेश को पकड़ लिया गया है। हरीपर्वत थाने में दर्ज केस की विवेचना एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा को मिली है। केस में एससी-एसटी की धारा भी लगी है। विवेचना के दौरान राकेश और उसके अन्य साथियों के नाम खोले जाएंगे।

दर्ज होंगे बयान
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि नर्सिंग होम के निदेशक डॉ. देवाशीष सरकार के बयान पुलिस दर्ज करेगी। पुलिस से उन्होंने साजिश के लिए पहले ही कर्मचारी राकेश को जिम्मेदार ठहराया था। बताया कि पूर्व में इसी कर्मचारी ने हॉस्पिटल में राधा-कृष्ण के चित्र वाले टाइल्स लगाए थे। तक हिंदुत्व समर्थक संगठनों ने हंगामा किया था। मामला जैसे-तैसे शांत हुआ था। हालांकि चिकित्सक ने यह नहीं बताया कि पहले जानकारी होने के बाद भी उन्होंने कर्मचारी को निकाला क्यों नहीं।

जताया विरोध
आजाद समाज पार्टी के महानगर अध्यक्ष शान मोहम्मद का कहना है कि उनके मंडल प्रभारी अनिल कर्दम को फंसाया जा रहा है। नेताओं के घर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। कॉल डिटेल से तय होगा कि राकेश की अनिल से कब और कितनी बातें हुईं। पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं से मारपीट की, इसके वीडियो हैं। पुलिस के खिलाफ केस क्यों नहीं लिखा गया। अखिल भारतीय जाटव महासभा के सुनील सिरोही का कहना है कि बसपा सहित कई संगठनों के लोग थाने पहुंचे थे। मामले के खुलासे में पुलिस जल्दबाजी कर रही है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।


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