बुलंदशहरः शिक्षक और बीईओ के बीच हाथापाई, बीएसए ने लिखा नहीं-नहीं उन्होंने तो चाय पिलाई

टीम भारत दीप |

बहस होते-होते दोनों में मारपीट शुरू हो गई।
बहस होते-होते दोनों में मारपीट शुरू हो गई।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, इसमें पंकज यादव और खंड शिक्षाधिकारी नरेंद्र सिंह के बीच तीखी बहस होती दिख रही।

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक और खंड शिक्षाधिकारी के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें शिक्षक और खंड शिक्षाधिकारी एक दूसरे का जबरदस्त गुत्थमगुत्था करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि यह सब पर्दे के पीछे की बात है। आगे सब चंगा सी। 

मामले में बीएसए बुलंदशहर ने पहले तो शिक्षक को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ जांच बैठा दी। एफआईआर भी करा दी गई लेकिन तीन दिन बाद ही पुलिस को भेजी रिपोर्ट में बीएसए ने लिखा कि ऐसा कुछ नहीं है, दोनों ने बहुत प्रेम से बात की और एक-दूसरे को चाय भी पिलाई। 

बेसिक शिक्षाधिकारी बुलंदशहर अखंड प्रताप सिंह ने 7 अगस्त को जारी निलंबन आदेश में लिखा कि खंड शिक्षाधिकारियों ने उनको अवगत कराया है कि दिनांक 7 अगस्त 2020 को बीएसए कार्यालय में विभागीय समीक्षा चल रही थी। 

इस दौरान बुलंदशहर ब्लाॅक के यूपीएस धमरावली के सहायक अध्यापक  पंकज यादव आए और अपने ब्लाॅक के खंडशिक्षाधिकारी नरेंद्र सिंह के साथ गाली-गलौज और हाथापाई शुरू कर दी। इससे मीटिंग में व्यवधान उत्पन्न हो गया। 

मामले में बीएसए ने पंकज यादव को निलंबित करते हुए, उनके खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए। मामले की जांच के लिए बुलंदशहर के जहांगीराबाद और लखावटी ब्लाॅक के खंडशिक्षाधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। 

इसके बाद 11 अगस्त को बीएसए ने एसएसपी बुलंदशहर के लिए पत्र लिखा कि पंकज यादव के खिलाफ जो मुकदमा हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने शिष्टाचार के साथ सभी खंडशिक्षाधिकारियों को चाय पिलाई और विभागीय कार्य संबंधी बातचीत की गई। 

बीएसए ने लिखा कि पंकज यादव द्वारा किसी प्रकार की गाली गलौज और हाथापाई नहीं की गई। ऐसे में मामले को रफा-दफा करने की मांग उन्होंने एसएसपी से की है। 

यूं मामला पड़ा उल्टा
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, इसमें पंकज यादव और खंड शिक्षाधिकारी नरेंद्र सिंह के बीच तीखी बहस होती दिख रही। बहस होते-होते दोनों में मारपीट शुरू हो गई। 

वीडियो में ये भी मालूम होता है कि मारपीट की शुरूआत पहले खंड शिक्षाधिकारी की ओर से की गई।  खंड शिक्षाधिकारी शिक्षक को वेतन न निकलने देने की धमकी भी देते दिख रहे हैं। 

इधर, मामले में शिक्षक पंकज यादव ने स्पोट्र्स सामग्री में फर्जीवाड़ा को लेकर खंड शिक्षाधिकारी व विभाग के अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पंकज यादव ने पूरा प्रकरण सीसीटीवी में कैद होने का हवाला देकर जांच की मांग की। संभव है इसी फजीहत से बचने के लिए मामले में लीलापोती कर दी गई।


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