अमेरिका में पढ़ रही छात्रा की सड़क दुर्घटना में मौत, जिस वजह से हादसा हुआ वह गंभीर है

टीम भारत दीप |
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सुदीक्षा का सिर सीधे सड़क पर जा लगा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
सुदीक्षा का सिर सीधे सड़क पर जा लगा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

छात्रा का अमेरिका के नामी कॉलेज बैबसन में बीबीए के लिए चयन हो गया था। सामान्य परिवार की छात्रा ने स्कॉलरशिप हासिल कर परिवार, क्षेत्र और समाज का नाम रोशन किया था।

बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में औरंगाबाद के पास सड़क हादसे में अमेरिका में पढ़ रही एक छात्रा की मौत हो गई। सुदीक्षा भाटी (19) ग्रेटर नोएडा के दादरी के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव डेरीस्कनर की रहने वाली थी। ये हादसा तब हुआ जब वह चाचा के साथ बाइक से जा रही थी। रास्ते में शोहदों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी। इसकी वजह से चाचा ने बाइक की स्पीड बढ़ा दी और आगे दुर्घटना का शिकार हो गए। हालांकि सुदीक्षा का भाई बाल—बाल बच गया। 

गौरतलब है कि सुदीक्षा अमेरिका में बीबीए की पढ़ाई कर रही थी। अमेरिका में छात्रा को 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी थी। सुदीक्षा ने बुलंदशहर के विद्या ज्ञान स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी। इंटर में 98 फीसदी अंक हासिल किए थे। स्कूल में उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए फॉर्म भरवाए गए थे।

छात्रा का अमेरिका के नामी कॉलेज बैबसन में बीबीए के लिए चयन हो गया था। सामान्य परिवार की छात्रा ने स्कॉलरशिप हासिल कर परिवार, क्षेत्र और समाज का नाम रोशन किया था। वह जुलाई, 2018 में अमेरिका गई थी। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उनका सम्मान भी किया था।

सुदीक्षा सोमवार को चाचा सतेंद्र भाटी के साथ बाइक से औरंगाबाद स्थित माधवगढ़ गांव में रिश्तेदारी में गई थी। परिजनों के मुताबिक दोनों जिस वक्त बाइक से जा रहे थे, तभी कुछ शोहदों ने फबित्तयां कसना शुरू कर दी। इस वजह से चाचा ने बाइक की गति थोड़ा तेज़ कर दी।

ताकि उन लोगों से आगे निकल जाएं तभी सामने आती एक बुलेट से टकरा गए। जिसके बाद सुदीक्षा और उसके चाचा दोनों नीचे जा गिरे। सुदीक्षा का सिर सीधे सड़क पर जा लगा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

बताया गया है कि सुदीक्षा ने हेलमेट नहीं लगाया था, जबकि उनके चाचा ने हेलमेट लगा रखा था। लोगों का कहना है कि सुदीक्षा ने हेलमेट लगाया होता तो उनकी जान बच सकती थी। वहीं, हादसे के तुरंत बाद टक्कर मारने वाला मौके से फरार हो गया।उधर, बेटी की मौत के बाद परिवार पूरी तरह से टूट गया है। छात्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

बताया गया कि कोरोना वायरस के कारण सुदीक्षा 14 मार्च को अमेरिका से भारत आ गई थीं। तब से अपने घर पर ही थीं। 16 अगस्त को उन्हें वापस अमेरिका जाना था। सुदीक्षा के पिता की चाय की दुकान थी। फिलहाल परचून की दुकान है। वही परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। सुदीक्षा की तीन बहन और दो भाई हैं।

वह सबसे बड़ी थी। सभी को उम्मीद थी कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह घर की जिम्मेदारी संभालेंगी। तीन साल की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन सुदीक्षा की मौत ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया।


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