सराहनीय: पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्रों को भी यूक्रेन संकट से निकाल लाई भारत सरकार

टीम भारत दीप |

ग्रामीणों ने सरकार के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए तारीफ की।
ग्रामीणों ने सरकार के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए तारीफ की।

भारतीय दल और सरकार की इंसानियत व दरियादिली देख पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी बच्चों की आंख तक भर आई। बताया कि सभी छात्र उनके साथ दिल्ली तक पहुंचे। यहां से उन्हें फिर अपने-अपने देश भेज दिया गया। कहा कि देश ही नहीं, विदेशी छात्र भी हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आए।

नईदिल्ली। विश्व के दो शक्तिशाली देश रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। यू्क्रेन में पढ़ाई के लिए फंसे छात्रों को निकालने के लिए भारत ने आपरेशन गंगा चलाया था। इस अभियान के ​तहत भारतीय छात्रों के साथ ही पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्रों को भी निकालकर उनके देश पहुंचाया गया।  

यूक्रेन से अपने देश लौटे 694 छात्रों के अलावा सरकार ने पाकिस्तानी और बांग्लादेश के बीस-बीस छात्र-छात्राओं को निकालकर लाई है। सरकार के इस कार्य की लोग तारीफ कर रहे हैं।

पाकिस्तानी सरकार ने नहीं की मदद

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर लौटे छात्र सलमान अली और फुरकान अली ने बताया कि यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में उनके साथ पाकिस्तान और बांग्लादेशी दर्जनों मुस्लिम छात्र भी फंसे हुए थे। वह लोग अपने-अपने देश के दूतावास से लगातार संपर्क भी कर रहे थे।

मगर उनकी सरकार कुछ करने या बताने के लिए तैयार नहीं थी। भारतीय दल उन्हें बेसमेंट से निकालने पहुंचा तो पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं रोने लगे। भारतीय दल से उन्होंने भी निकालने की विनती की।

जिसे देख भारतीय दल का दिल पसीज गया और उन्होंने अन्य बसों का इंतजाम कर उन्हें भी निकाला। बताया कि भारतीय छात्रों के साथ-साथ सरकार ने किसी भी पाकिस्तानी या बांग्लादेशी छात्र से कहीं भी एक रुपया खर्च नहीं करवाया।

यह दृश्य देख एकाएक वह मंत्रमुग्ध हो गए और अपनी सरकार पर गर्व भी महसूस हुआ। भारतीय दल और सरकार की इंसानियत व दरियादिली देख पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी बच्चों की आंख तक भर आई। बताया कि सभी छात्र उनके साथ दिल्ली तक पहुंचे।

यहां से उन्हें फिर अपने-अपने देश भेज दिया गया। कहा कि देश ही नहीं, विदेशी छात्र भी हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आए। छात्रों ने यह बात अपने गांव वालों को बताई, तो ग्रामीणों ने सरकार के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए तारीफ की, वहीं अपने बच्चों को अपने बीच पाकर उनके परिजन काफी खुश है।

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