कोरोना का कहर:दुल्हन लेने लखनऊ पहुंचे दूल्हे की मौत से मचा क़ोहराम

टीम भारत दीप |

कोरोना संक्रमित होने पर उसे किसी तरह चौक के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
कोरोना संक्रमित होने पर उसे किसी तरह चौक के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

दूल्हे की बहन ने अपने भाई की चिता के साथ ऐसा किया जिससे लोगों की आंखें भी डबडबा गई। बताया गया कि लड़के की चिता जब गुलालघाट पहुंची तब लड़के दूल्हे की बहन ने चिता सजाते हुए बहन ने कहा,'भइया अब इसका हम लोग क्या करेंगें यह सब तुम्हारे लिए था।’ यह कहते हुए वह दहाड़े मार मारकर रोने लगी। बताया कि बहन अपने हाथों से भाई की चिता पर पगड़ी, शेरवानी, कुर्ता-पायजामा जैसी चीजें रखती जा रही थी।

लखनऊ। कोरोना संकट काल लगातार लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है। फिर एक खबर आई जिसने खुशियां मना रहे दो परिवारों के घर में मातम का माहौल बना दिया। दरअसल ग्वालियर से लखनऊ शादी के लिए पहुंचे दूल्हे को शादी के दो दिन पहले ही कोरोना हो गया। जिसके बाद उसे यहां  चौक स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

बताया गया कि दूल्हे की बहन ने अपने भाई की चिता के साथ ऐसा किया जिससे लोगों की आंखें भी डबडबा गई। बताया गया कि लड़के की चिता जब गुलालघाट पहुंची तब लड़के दूल्हे की बहन ने चिता सजाते हुए बहन ने कहा,'भइया अब इसका हम लोग क्या करेंगें यह सब तुम्हारे लिए था।’ यह कहते हुए वह दहाड़े मार मारकर रोने लगी।

बताया कि बहन अपने हाथों से भाई की चिता पर पगड़ी, शेरवानी, कुर्ता-पायजामा जैसी चीजें रखती जा रही थी। आस-पास खड़े दो चार लोग उसे चिता से दूर खींचकर लाते। बताया गया वह थोड़ी देर बाद वह फिर चिता के करीब पहुंच जाती। ऐसा दृश्य देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई।

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के त्रिभुवन शर्मा 27 अप्रैल को अपने पुत्र राहुल की शादी के लिए परिवार के साथ लखनऊ पहुंचे। 29 अप्रैल को उनके बेटे राहुल की शादी लखनऊ में ही होने वाली थी। बताया गया कि  पूरा परिवार इंदिरानगर के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था। उनके साथ बेटी दिव्या, पत्नी मंजू समेत दो-चार रिश्तेदार भी यहा ठहरे हुए थे।

बताया गया कि राजधानी लखनऊ पहुंचते ही राहुल की तबीयत अचानक खराब होने लगी। अगले रोज यानी 28 अप्रैल को राहुल का आक्सीजन स्तर काफी कम हो गया। बताया गया​ कि कोरोना संक्रमित होने पर उसे किसी तरह चौक के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं विवाह का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। बताया गया कि घर वाले वापस ग्वालियर चले गए और राहुल का इलाज शुरू हो गया।

लड़के के पिता त्रिभुवन और उनकी बेटी दिव्या भाई की देखरेख के लिए लखनऊ में ही रुक गए।  त्रिभुवन शर्मा के मुताबिक दो दिन बाद बेटे की हालत में थोड़ा सुधार दिखा। लेकिन फिर अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी। ऑक्सीजन लगने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हो पाया। बताया गया कि संक्रमण फेफड़े से किडनी तक पहुंच गया था और अन्तत: राहुल रविवार की तड़के जिन्दगी की जंग हार बैठा।

बताया गया कि कोविड प्रोटोकाल के तहत गुलालाघाट में राहुल का अंतिम संस्कार किया गया। बहन दिव्या बोलने की स्थिति में नहीं थी। पिता के मुताबिक विवाह के लिए राहुल के जितने कपड़े बने थे वह सब बेटी ने चिता को समर्पित कर दिए। उनके मुताबिक राहुल बेंगलुरु में एक साफ्टवेयर कंपनी में काम करता था। बताया गया कि जिस लड़की से उसका विवाह होना था वह भी उसके साथ नौकरी करती थी। 


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