Corona's impact: तीसरी बार आगेबढ़ाई की गई यूपी बोर्ड की परीक्षा

टीम भारत दीप |

परीक्षा होने से लॉकडाउन के उल्लंघन के साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा।
परीक्षा होने से लॉकडाउन के उल्लंघन के साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा।

यूपी बोर्ड भी सीबीएसई की तर्ज पर 10वीं की परीक्षा रद्द कर सकता है। इसके बाद आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों का रिजल्ट तैयार कर दिया जाएगा। अफसर इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जल्द ही इसका ऐलान भी हो सकता है। वहीं, 12वीं के स्टूडेंट्स की परीक्षा जून या फिर जुलाई में कराने की तैयारी है।

लखनऊ। प्रदेश में तेजी से बढ रहे कोरोना संक्रमितों और मौतों की वजह से एक बार फिर बोर्ड परीक्षा को टाल दिया गया है। मालूम हो कि बो​र्ड परीक्षाएं में मई मे होनी थी जो आगे बढा दिया गई है। शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा से लेकर बोर्ड के कई अफसर तक कोरोना संक्रमित हैं।

जब तक ये अफसर ठीक नहीं होते, तब तक परीक्षा की तारीखों पर कोई फैसला नहीं होगा। कोरोना से संक्रमित माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक विनय कुमार पांडेय ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'अभी प्रदेश में लॉकडाउन चल रहा है। हालात भी अभी सामान्य नहीं हैं, ऐसी स्थिति में मई में परीक्षा कराना संभव नहीं है।

10वीं की परीक्षा रद्द हो सकती है

यूपी बोर्ड भी सीबीएसई की तर्ज पर 10वीं की परीक्षा रद्द कर सकता है। इसके बाद आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों का रिजल्ट तैयार कर दिया जाएगा। अफसर इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जल्द ही इसका ऐलान भी हो सकता है। वहीं, 12वीं के स्टूडेंट्स की परीक्षा जून या फिर जुलाई में कराने की तैयारी है।

23 अप्रैल को होनी थी परीक्षा

आपकों बता दे कि इससे पहले दो बार बोर्ड की परीक्षाएं आगे बढ चुकी है।  पहले ये परीक्षाएं 23 अप्रैल होनी थीं, लेकिन इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव कराने का आदेश दे दिया। इसके बाद परीक्षा की तारीख 8 मई से तय की गई, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिर से इसे टाल दिया गया।

बोर्ड ने कहा था कि 15 मई के बाद इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा खुद संक्रमित हो गए। उनके पीए की मौत भी हो चुकी है। शिक्षा विभाग के कई अफसर भी संक्रमित हैं।

हाल ही में अयोध्या के डीआईओएस बी चौहान की भी कोरोना से मौत हो गई थी। प्रदेश में हो रही कोरोना से तबाही के कारण परीक्षाओं को स्थगित करना ही उचित समझा जा रहा है।

क्योंकि बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक परीक्षा के सिलसिले में घर से निकलेंगे और एक-दूसरे से संपर्क भी होगा इससे परीक्षा होने से लॉकडाउन के उल्लंघन के साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा। 


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