बरेली में कोरोना जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा, एक ही मोबाइल नंबर पर 965 लोगों का किया पंजीयन

टीम भारत दीप |

दस शून्य (0000000000) को भी एक मोबाइल नंबर बनाकर इस पर 965 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं।
दस शून्य (0000000000) को भी एक मोबाइल नंबर बनाकर इस पर 965 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं।

प्रदेश सरकार कोराना वायरस की दूसरी लहर रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश प्रत्येक जिला अधिकारी को दिए है। ऐसे में हर जिले में रोज लोगों के बीच संक्रमण दर जांचने सैंपल लिए जा रहे है। अब अधिकांश लोग कोरोना को हल्के में ले रहे है। इसलिए अस्पताल में सैंपल देने नहीं जा रहे है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लक्ष्य को पूरा करने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे है।


बरेली। प्रदेश सरकार कोराना वायरस की दूसरी लहर रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश प्रत्येक जिला अधिकारी को दिए है। ऐसे में हर जिले में रोज लोगों के बीच संक्रमण दर जांचने सैंपल लिए जा रहे है। अब अधिकांश लोग कोरोना को हल्के में ले रहे है।

इसलिए अस्पताल में सैंपल देने नहीं जा रहे है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लक्ष्य को पूरा करने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे है। काल्पनिक लोगों का नाम दर्ज कर सैंपल लेना दर्शाकर रिपोर्ट सरकार को भेज रहे है। कुछ ऐसा ही मामला प्रदेश के बरेली जिले में सामने आया है।

यहां लक्ष्य पूरा करने के लिए जिन नंबरों का सहारा लिया गया, वह अस्तित्व में ही नहीं है। यहां तक की दस शून्य (0000000000) को भी एक मोबाइल नंबर बनाकर इस पर 965 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं।

शासन की ओर से जिले को प्रतिदिन तीन हजार से अधिक लोगों की सैंपलिंग करने का लक्ष्य दिया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस लक्ष्य को जिले में पूरा किया जा रहा है। इसके लिए प्रतिदिन शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में तीन हजार से ऊपर सैंपल किए जाना दर्शाया जा रहा है।  

हकीकत इसके ठीक विपरीत है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की करीब तीस टीमें सैंपलिंग कर रही हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन तीस टीमों को मिलाकर भी हर रोज दो हजार सैंपल पूरे नहीं किए जा पा रहे हैं।

ऐसे में लक्ष्य पूरा करने के लिए फर्जी नामों का सहारा लेना पड़ रहा है। लेकिन पोर्टल पर एंट्री पूरी करने के लिए कई कॉलम पूरे भरने होते हैं। इनमें एक कॉलम मोबाइल नंबर का भी होता है। नाम और पता मनमुताबिक भरने के साथ ही मोबाइल नंबर भी काल्पनिक भरे जा रहे हैं।

इसका खुलासा तब हुआ जब एक विभागीय अधिकारी से पोर्टल की मोबाइल नंबर एंट्री कॉलम में गलती से दस बार शून्य टाइप हो गया। इसके बाद उनके एंटर दबाने पर जो परिणाम आए वह चौकाने वाले थे। दस शून्य नंबर जो एकदम काल्पनिक है उस पर भी 965 लोगों के रजिस्ट्रेशन पाए गए। 

यह मामला सामने आने के बाद बरेली सीएमओ डॉ. विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शासन की मंशानुरूप प्रतिदिन तीन हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल किए जा रहे हैं। काल्पनिक मोबाइल नंबरों पर रजिस्ट्रेशन किए जाने की जानकारी अब तक नहीं है। अगर ऐसा किया गया है तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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