चोरी के असलहे कहीं बदमाशों के हाथ न लग जाएं, सोच-सोचकर पुलिस परेशान

टीम भारत दीप |
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पुलिस मौके से मिले साक्ष्य व तथ्य के आधार पर चोरी को संदिग्ध मान रही है।
पुलिस मौके से मिले साक्ष्य व तथ्य के आधार पर चोरी को संदिग्ध मान रही है।

चोरी के हथियारों से बदमाश किसी भी वारदात को अंजाम दे सकते है। मालूम हो​ कि प्रयागराज के नवाबगंज थाना क्षेत्र के लालगोपालगंज में स्थित शस्त्र दुकान से असलहा चोरी की घटना गुरुवार सुबह को पता चली थी। तब से पुलिस चोरों का सुगरा लगाने में जुटी है।

प्रयागराज। चोरी की घटनाएं उतना पुलिस को नहीं परेशान करती है, जितना परेशान प्रयागराज पुलिस कल से हो रही है।

क्योंकि मामला दुकान से असलहा और बुलेट चोरी का है। पुलिस पुलिस परेशान है कि चोर कहीं चोरी किए गए हथियार बदमाशों को न बेच दे। चोरी के हथियारों से बदमाश किसी भी वारदात को अंजाम दे सकते है।

मालूम हो​ कि प्रयागराज के नवाबगंज थाना क्षेत्र के लालगोपालगंज में स्थित शस्त्र दुकान से असलहा चोरी की घटना गुरुवार सुबह को पता चली थी। तब से पुलिस चोरों का सुगरा लगाने में जुटी है।

पुलिस घटनाक्रम और मौके से मिले साक्ष्य व तथ्य के आधार पर चोरी को संदिग्ध मान रही है। साथ ही दुकानदार की भूमिका को भी संदेह के दायरे में रखकर जांच की जा रही है क्योंकि घटना के कई घंटे बाद भी पीड़ित की ओर से लिखित शिकायत नहीं दी गई थी।

नवाबगंज के मालका रज्जाकपुर गांव निवासी लालजी यादव की पत्नी सुशीला के नाम पर शस्त्र दुकान का लाइसेंस है। दुकान लालगोपालगंज के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित तिराहे पर सुशीला गन हाउस के नाम से है।

गुरुवार सुबह जब लालजी यादव दुकान पर पहुंचे तो दरवाजे की कुंडी टूटी मिली। भीतर देखा तो कई असलहे व कारतूस गायब थी। लाखों रुपये के असलहे चोरी होने की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

लालजी के भाई ने पुलिस को मौखिक बताया कि दुकान में रखी दो डीबीबीएल दोनाली बंदूक, एक रायफल और पांच पिस्टल व रिवाल्वर गायब है। सैकड़ों कारतूस भी चोर उठा ले गए।

हालांकि इसकी लिखित शिकायत नहीं दी गई। लालजी यादव का कहना था कि ग्राउंड फ्लोर पर दुकान है और बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर एक व्यक्ति सोता था, लेकिन घटना वाली रात वहां कोई नहीं था।

पुलिस जब उस कमरे में पहुंची तो मकड़ी का जाला लगा मिला। इसके आधार पर माना गया कि वहां कोई नहीं सोता था। फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए मगर एक भी कारतूस दुकान में गिरी नहीं मिली।

फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए मगर एक भी कारतूस दुकान में गिरी नहीं मिली। साथ ही जिस शीशे को खोलकर असलहा निकाला गया, उसे बंद कर दिया गया था। आमतौर पर चोर ऐसा करते नहीं हैं। इन तथ्यों के आधार पर पुलिस घटना को संदिग्ध मानते हुए छानबीन कर रही है। 
 


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