आगरा: इलाज के दौरान मरीजों को झूठा आश्वासन न दें, जो सत्य है वही उनको बताया जाए: डॉ. केके

टीम भारत दीप |
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3 वर्ष तक तो प्रत्येक चिकित्सक को बिना कमाई के प्रैक्टिस करनी चाहिए ।
3 वर्ष तक तो प्रत्येक चिकित्सक को बिना कमाई के प्रैक्टिस करनी चाहिए ।

अपने आप को पढ़ाई के साथ अपडेटेड रखना एवं कोई भी आनएथिकल प्रैक्टिस न करना ही मूल मंत्र है।वेल ड्रेसिंग सेंस जिसमें एप्रिन सबसे पहले आता है इसका प्रयोग हर चिकित्सकों करना चाहिए ।उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट एवं सभी चिकित्सकों से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए कहा।

आगरा । आईएम आगरा ने डॉक्टर दिवस के अवसर पर आशीर्वचन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के तहत जूम प्लेटफार्म पर आईएमए आगरा के चिकित्सकों को अपने गुरुओं एवं सीनियर्स का आशीर्वाद अमृतवाणी के रूप में मिला।इसके बाद सभागार में मौजूद डॉक्टरों ने अपने अध्यापक से जीवन, फिलॉसफी, विज्ञान से संबंधित प्रश्नों के समाधान पूछे।

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. वीरेंद्र खंडेलवाल ,डॉक्टर केके प्रूथी,डॉ संध्या अग्रवाल,डॉक्टर भूपेंद्र आहूजा एवं डॉ राकेश भाटिया थे।  कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रभारी डॉ. पंकज नगायच ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में 2 मिनट का मौन रहकर उन लोगो को श्रद्धांजलि दी गई जिन डॉक्टरों की कोरोना की वजह से मौत हो गई है।

हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान देने वाले यह चिकित्सक जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना अपना तन मन धन न्योछावर कर मरीजों की सेवा में खुद को समर्पित कर दिया। ऐसे लोगों को शहीदों की श्रेणी में रखने की बात कही ।डॉ. नगायच ने बताया कि डॉक्टर बीसी राय का आज जन्मदिन है ।

उनकी ही स्मृति में आज का दिन हम सभी लोग चिकित्सक दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके बाद अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय ने आज के कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए यह बताया कि बिना गुरुओं के बिना टीचर्स के बिना सीनियर्स के चिकित्सा कर पाना संभव नहीं ।उनके बताए हुए तरीके मरीजों को स्वस्थ रखने में कितने लाभकारी होते हैं ऐसे कई संस्मरण उन्होंने सुनाएं।

डॉक्टर हमेशा अपने गुरु का सम्मान करता है

निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर ओपी यादव ने बताया कि गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर माना गया है इसलिए कोई भी चिकित्सक कितना भी बड़ा हो जाए वह अपने गुरुओं को हमेशा सम्मान देता है एवं उनसे सीखने की हमारी परंपरा रही है।

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीरेंद्र खंडेलवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी से अपील की कि जो लोग गुजर गए हैं उन लोगों की मदद हमेशा चिकित्सकों को करनी चाहिए । उनके घर पर जाकर उनका सहारा देना चाहिए ।और अगर संभव हो तो जो हम फिजूलखर्ची करते हैं उसको रोक कर उन चिकित्सकों के परिवारों को आर्थिक मदद भी करनी चाहिए। निश्चित तौर पर मरीजों के साथ आज की तारीख में जो कम करे।

डॉ. बीसी राय मार्डन साइंस के जनक

इसी कड़ी में डॉक्टर संध्या जैन ने आज के दिन का मर्म बताते हुए डॉक्टर बीसी राय के जन्मदिन के आज के उपलक्ष में एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन पर उनके जीवन से जुड़ी तमाम घटनाओं को बताया।

डॉक्टर बीसी राय मॉडर्न मेडिसिन साइंस के भारत में जनक कहे जा सकते हैं। उन्होंने ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल काउंसिल की स्थापना करवाई एवं स्वतंत्रता आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाकर भारत में चिकित्सा को विकसित करते रहे।

सफलता के लिए शॉर्टकट नहीं अपनाएं

डॉक्टर भूपेंद्र आहूजा ने कहा की डॉक्टर को कोई भी शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए। सफलता के लिए उन्होंने युवा पीढ़ी को यह संदेश दिया की मेहनत ,अपने आप को पढ़ाई के साथ अपडेटेड रखना एवं कोई भी आनएथिकल प्रैक्टिस न करना ही मूल मंत्र है।

वेल ड्रेसिंग सेंस जिसमें एप्रिन सबसे पहले आता है इसका प्रयोग हर चिकित्सकों करना चाहिए ।उन्होंने  रेडियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट एवं सभी चिकित्सकों से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए कहा।

रिकॉर्ड में सही आंकड़े ही लिखे

वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के के प्रूति ने कहा सबसे पहले केवाईपी नो योर पेशेंट अपने मरीज को जाने समझे । कभी गलत बात में,गलत आवाज में मरीजों के साथ बात ना करें। और उनको कभी भी झूठा आश्वासन ना दे, जो सत्य है वही उनको बताया जाए।

मरीजों को प्रोगनोसेस सबसे पहले समझाई जाएं। अपना रिकॉर्ड भीतरी और आउटडोर पेशेंट का शत —प्रतिशत सही लिखा जाए ।उ न्होंने बताया कि किसी भी जांच के दो उद्देश्य होते हैं एक डायग्नोसिस दूसरा प्रोग्नोसिस इन्ही  दो चीजों की पूरी पूर्ति डायग्नोसिस से होनी चाहिए एवं तर्कसंगत जांचे ही कराएं।

 चिकित्सक अपने विषय में पारंगत हो ।उन्होंने बताया कि चिकित्सक के जीवन के तीन चरण होते हैं लर्न ,अर्न् एंड रिटर्न। मेडिकल कॉलेज में व्यक्ति लर्न करता है उसके बाद अर्न करता है और फिर समाज को रिटर्न करता है। एक जो मुख्य बात उन्होंने कही  कि कभी भी चिकित्सक किसी के साथ अपने आप को कंपेयर ना करें क्योंकि चिकित्सक अपने आप में हर चीज में पारंगत होता है ।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ  डॉ . राकेश भाटिया ने युवा पीढ़ी को यह बताया ​क हमेशा से उनका सपना था कि वे चिकित्सक बने और बाल रोग विशेषज्ञ बने और समाज की सेवा करें। उन्होंने डॉ बीएस यादव एवं डॉक्टर दयाल का उदाहरण देते हुए समझाया चिकित्सा कभी भी खाली नहीं जाती हैl

चिकित्सा या तो आपको धर्म का अर्जन् करवाएगी या आपको मित्र का अर्जन करवाएगी या आपको प्रतिष्ठा का अर्जन करवाएगी या धन का अर्जन करवाएगी और अगर कुछ भी नहीं मिला तो अभ्यास का अर्जन करवाएगी इसलिए पूरी मनोभाव से चिकित्सा करी जाए उन्होंने यह भी बताया कि शुरू के 3 वर्ष तक तो प्रत्येक चिकित्सक को बिना कमाई के प्रैक्टिस करनी चाहिए अर्थात किसी भी अधिक धन की लालसा मन में नहीं लिए बिना समाज की सेवा में लगे रहना ।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सीमा सिंह ने उसके बाद एक बहुत ही भावपूर्ण मर्मस्पर्शी कविता का पाठ किया जिसमें उन्होंने चिकित्सक के संपूर्ण जीवन को लयबद्ध कर छन्दों में फिरोदिया और बाद में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संध्या अग्रवाल जी ने यह रखा कि ईश्वर चुकी सब जगह नहीं पहुंच पाया ।

इसलिए उन्होंने अपने अन्श रूप में चिकित्सक को पृथ्वी पर भेजें। उन्होंने इस बात को भी रखा सभी लोग अपने विषय में पारंगत हो एवं अपने स्वास्थ्य का सर्वोपरि ध्यान रखें क्योंकि अगर स्वयं ही नहीं होंगे तो फिर समाज की रक्षा कौन करेगा तत्पश्चात डॉ अनूप दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन देकर सभा का सभापति समापन किया।

कार्यक्रम में अनुपम गुप्ता डॉक्टर पवन गुप्ता डॉक्टर जितेंद्र चौधरी डॉ रजनीश मिश्रा डॉ मोहन भटनागर डॉ बघेल डॉ स्मिता टंडन  डॉ अर्चना सिंगल डॉक्टर अरुण जैन डॉ संजय धवन,डॉ. मोहनिया सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे

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