कोर्ट के आदेश के बाद भी रास्ता न खोलने देने की जिद्द पर अड़े किसान, रात में किया हंगामा

टीम भारत दीप |

किसान बोले-अब छह नवंबर को संयुक्त मोर्चा की बैठक में ही फैसला होगा।
किसान बोले-अब छह नवंबर को संयुक्त मोर्चा की बैठक में ही फैसला होगा।

पुलिस जवानों का विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता बूटा सिंह ने कहा कि किसान किसी हालत में टीकरी बॉर्डर से रास्ता नहीं खुलने देंगे। अब तो सभी बॉर्डर तभी खुलेंगे जब आंदोलन खत्म होगा। चाहे कुछ भी हो रास्ता नहीं खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली व हरियाणा पुलिस के साथ बैठक में पांच फुट चौड़ा रास्ता देने पर सहमति जता दी थी।

बहादुरगढ़-हरियाणा।केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को सु्प्रीम कोर्ट ने रास्ता खोलने का आदेश दिया है। इस क्रम में पहले किसानों ने अपने टेंट हटाए इसके बाद सरार बैरिकेडिंग हटा रही थी।

रात को जब जवानों आखिरी बैरिकेडिंग हटाई तो किसान जेसीबी के आगे लेटकर रास्ता न खोलने देने की जिद्द पर अड़ गए। किसानों ने पुलिस पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वह रास्ता नहीं देंगे। हंगामे के बाद दिल्ली व हरियाणा की तरफ से भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

किसानों ने किया हंगामा

मालूम हो कि हरियाणा के बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर से एक तरफ की एक लेन का रास्ता खोलने के लिए शुक्रवार देर रात चल रहे पुलिस के प्रयासों के दौरान कुछ किसानों ने जमकर हंगामा किया। जैसे ही दिल्ली पुलिस ने आखिरी बैरिकेडिंग लेयर हटाई तो आंदोलनकारी विरोध पर उतर आए।

जेसीबी के सामने लेट गए और लोहे के बैरिकेड लगाकर खुद ही दो जगहों से रास्ता बंद कर दिया। बीच सड़क पर बैठकर सभा शुरू कर दी । भीड़ जुटा ली गई और ऐलान कर दिया कि वे अब बॉर्डर नहीं खुलने देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। आंदोलनकारी बोले कि अब तक तो वे पांच फुट का रास्ता देने को तैयार थे, लेकिन अब वह भी नहीं देंगे।

पांच फुट का रास्ता देने पर बनी थी सहमति

शुक्रवार की शाम को दिल्ली और हरियाणा पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक में टीकरी बॉर्डर को एक तरफ से खोलने के लिए आंदोलनकारियों ने पांच फुट का ही रास्ता देने की शर्त रखी थी। ऐसे में यह बैठक बेनतीजा रही थी और शनिवार को फिर से बातचीत होनी थी।

मगर रात को दिल्ली पुलिस ने जैसे ही रास्ता खोला तो आंदोलनकारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। बैरिकेड हटाने के लिए जो जेसीबी आई थी, उसके सामने ही आंदोलनकारी लेट गए। बाद में दो जगहों पर बैरिकेड लगा दिए।

आंदोलनकारियों ने दिल्ली पुलिस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अब बॉर्डर को न खुलने देने का ऐलान कर दिया है। उधर, हंगामे के बाद दिल्ली व हरियाणा की तरफ से भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। देर रात तक यहां पर तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

आंदोलन खत्म होने के बाद खुलेगा बॉर्डर

पुलिस जवानों का विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता बूटा सिंह ने कहा कि किसान किसी हालत में टीकरी बॉर्डर से रास्ता नहीं खुलने देंगे। अब तो सभी बॉर्डर तभी खुलेंगे जब आंदोलन खत्म होगा। चाहे कुछ भी हो रास्ता नहीं खोला जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली व हरियाणा पुलिस के साथ बैठक में पांच फुट चौड़ा रास्ता देने पर सहमति जता दी थी। शनिवार को सुबह 10 बजे रास्ता खुलना था, मगर रात में ही पुलिस ने बैरिकेड हटाकर वादा खिलाफी की है।

इसलिए हम अब कोई भी समझौता नहीं मानेंगे। अब छह नवंबर को संयुक्त मोर्चा की बैठक में ही फैसला होगा। शुक्रवार शाम को प्रशासन और अधिकारियों की बैठक में यह भी तय हुआ था की शनिवार को सुबह 10 बजे एसडीएम भूपेंद्र सिंह टीकरी बॉर्डर पर स्थिति का जायजा लेंगे।

इससे पहले कि शनिवार को कोई अंतिम फैसला होता, उससे पहले रात में नया विवाद खड़ा हो गया। आपकों बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बॉर्डर को खुलवाने का ​आदेश दिया था। 

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