मेरठ में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज मिले, बढ़कर 78 हुई संख्या, दो की मौत

टीम भारत दीप |

पुतली का न घूमना और मुंह में तालु काला हो जाना आदि लक्षण हैं। यह गम्भीर रोग बनता जा रहा है।
पुतली का न घूमना और मुंह में तालु काला हो जाना आदि लक्षण हैं। यह गम्भीर रोग बनता जा रहा है।

डॉ. धीरज ने बताया कि जिन दो मरीजों की मृत्यु हुई है, उनमें एक मुजफ्फरनगर का अजित और महिला मेहरुनिस्सा मेरठ की है। मेडिकल में इस समय 22 मरीज भर्ती हैं। कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। मुख्यत: कोरोना के मरीजों के इलाज के दौरान ज्यादा स्ट्रॉयड और शुगर बढ़ने से यह बीमारी होती है।

मेरठ। कोरोना महामारी के बाद अब ब्लैक फंगस नई महामारी के रूप में उभरक सामने आया है। हर जिले में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है। इसी क्रम में मेरठ में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज मिले हैं, जबकि मेडिकल में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई है। 

अब तक ब्लैक फंगस के कुल 78 मरीज मिल चुके हैं। प्रशासन के रिकॉर्ड में 72 हैं, जो अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं। पांच मरीज अभी रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं। 

कोरोना ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस

दरअसल ब्लैक फंगस अधिकांश उन्हीं मरीजों को हो रहा है जिन्हें कोरोना संक्रमण है या जिन्होंने कोरोना को हरा दिया है। तीन नए मरीज मेडिकल में भर्ती हुए हैं जबकि एक न्यूटिमा अस्पताल में और आनंद अस्पताल में आया है। ये बिजनौर, मुजफ्फरनगर और मेरठ के हैं।

मेडिकल के कोविड अस्पताल प्रभारी डॉ. धीरज ने बताया कि जिन दो मरीजों की मृत्यु हुई है, उनमें एक मुजफ्फरनगर का अजित और महिला मेहरुनिस्सा मेरठ की है। मेडिकल में इस समय 22 मरीज भर्ती हैं। 
कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। मुख्यत: कोरोना के मरीजों के इलाज के दौरान ज्यादा स्ट्रॉयड और शुगर बढ़ने से यह बीमारी होती है। इसमें आंख सूज जाना। पुतली का न घूमना और मुंह में तालु काला हो जाना आदि लक्षण हैं। यह गम्भीर रोग बनता जा रहा है।
 
एक मरीज को 14 दिन लगते हैं इंजेक्शन
 
इसके इलाज के विषय में बताते हुए मेडिकल के कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. धीरज बालियान ने बताया की ब्लैक फंगस के एक मरीज को 14 दिन तक 20-20 मिलीग्राम की एक-एक डोज लगाई जाती है। मेडिकल में फिलहाल 66 इंजेक्शन का स्टॉक है। हालांकि जिस रफ्तार से मरीज बढ़ रहे हैं और ज्यादा इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी।

म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस या काली फफूंद) कोविड की पहली लहर के दौरान ऐसे मरीजों की संख्या देश में बहुत कम थी। देश में महाराष्ट्र और गुजरात में खास तौर पर म्यूकरमायकोसिस के मामले बढ़ रहे थे, लेकिन अब मेरठ और आसपास के जिलों में काफी संख्या में मरीज मिल रहे हैं।

कोविड का इलाज करने के दौरान स्ट्रॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से और शुगर बढ़ने के कारण आंख में बहुत ज्यादा सूजन आ जाती है यह इसका मुख्य लक्षण है। मरीजों के साथ भी यही हुआ है इनकी एक- एक आंख बुरी तरह से सूजी हुई है।


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