दोस्तों ने ही शराब पिलाकर आईटीआई के छात्र को दी थी दर्दनाक मौत, ऐसे खुला राज
फिरौती के अलावा इस अपराध में प्रेम संबंध का मामला भी छिपा हुआ है। मालूम हो कि अलीगढ़ के खैर थाना क्षेत्र के गांव बझेड़ा से 20 लाख की फिरौती के लिए सोमवार को अगवा किए गए आईटीआई छात्र सुरेद्र की उसी दिन हत्या कर दी गई थी।
अलीगढ़। अलीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को आईअीआई छात्र के अपहरण और हत्या के मामले का खुलासा कर दिया। इस अपराध के पीछे मृतक के दोस्त और और तयेरे भाई ही आरोपी ने निकले।
आरोपियों ने दोस्त के अपहरण के बदले 20 लाख रुपये की फिरौती मांगना चाहते थे। फिरौती के अलावा इस अपराध में प्रेम संबंध का मामला भी छिपा हुआ है। मालूम हो कि अलीगढ़ के खैर थाना क्षेत्र के गांव बझेड़ा से 20 लाख की फिरौती के लिए सोमवार को अगवा किए गए आईटीआई छात्र सुरेद्र की उसी दिन हत्या कर दी गई थी।
पुलिस द्वारा की गई जांच के अनुसार अपहरण के पीछे फिरौती के बदले वसूली के साथ ही प्रेम संबंधों का विरोध भी एक वजह थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर मथुरा के नौहझील क्षेत्र में यमुना किनारे से बालू में दबा छात्र का शव भी बरामद कर लिया है।
एसपी देहात शुभम पटेल व एएसपी खैर विकास कुमार ने बताया कि किसान उदयवीर सिंह का 22 वर्षीय बेटा सुरेंद्र पाल सिंह निजी कालेज से आईटीआई कर रहा था। वह सोमवार को घर से खेतों की ओर जा रहा था। तभी गायब हो गया।
20 लाख रुपये की फिरौती मांगी
अगले दिन छात्र के ही फोन से उसकी बहन के फोन पर 20 लाख रुपये की फिरौती का मैसेज आया और दो दिन में रुपयों का इंतजाम कर हैदराबाद वाली ट्रेन में रुपये रखने को कहा गया। तब परिवार हैरत में आया। पुलिस की मदद ली गई। इस जांच में पुलिस ने सबसे पहले सुरेंद्र के तयेरे भाई को शक के आधार पर हिरासत में लिया तो पूरा भेद खुल गया।
इस मामले में तयेरा भाई भूपेन्द्र, दोस्त व बहन का प्रेमी रिन्कू उर्फ शिव कुमार सहित रतन सिंह निवासी वेदना नौझील मथुरा व राहुल निवासी अब्दुल्लागंज रायसेन मध्यप्रदेश को गिरफ्तार किया है।
खैर क्षेत्र के गांव बझेड़ा से अगवा आईटीआई छात्र सुरेंद्र की अपहरण वाली रात ही गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को सुरेंद्र के दोस्त और तयेरे भाई ने साथियों संग मिलकर अंजाम दिया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर मथुरा के नौहझील क्षेत्र में यमुना के खादर से छात्र का शव बरामद कर लिया है।
एसपी देहात शुभम पटेल व एएसपी विकास कुमार ने शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में बताया कि गांव बझेड़ा के किसान उदयवीर सिंह का 22 वर्षीय बेटा सुरेंद्र पाल सिंह अलीगढ़ के निजी कालेज से आईटीआई कर रहा था।
सोमवार दोपहर वह घर से खेतों के लिए निकला था। तभी से गायब था। मंगलवार दोपहर सुरेंद्र के मोबाइल से उसकी बहन के मोबाइल पर संदेश मिला कि उनका बेटा सुरेंद्र हमारे पास है। उसे जीवित चाहते हो तो 20 लाख रुपये देने होंगे। मैसेज में दो दिन में इंतजाम कर मथुरा से हैदराबाद जाने वाली ट्रेन में रुपयों को रखने के लिए कहा गया।
मोबाइल सर्विलांस से खुला राज
इस मैसेज के मिलने पर परिवार ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने तत्काल अपहरण का मुकदमा दर्ज कर एसओजी, सर्विलांस की मदद से छात्र की तलाश शुरू कर दी। जांच में छात्र के तयेरे भाई भूपेंद्र पर शक गहराया।
पता चला कि आखिरी बार भूपेंद्र को उसके साथ देखा गया था। जब उसकी लोकेशन व गतिविधियों पर ध्यान दिया गया तो सोमवार की देर रात उसकी लोकेशन नौहझील में मिली। इसके बाद रात तक कुछ नंबरों पर उसकी बातचीत भी हुई। जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ गई तो वह टूट गया और पूरी घटना का राजफाश कर दिया।
भूपेंद्र ने स्वीकार किया कि दोनों एक ही खानदान से हैं। मगर सुरेंद्र का परिवार पैसों से संपन्न होने के कारण वह अंदर से उससे ईर्ष्या रखता था। इसी विषय पर एक दिन उसकी चर्चा सुरेंद्र के दोस्त शिवकुमार उर्फ रिंकू से हुई तो उसने बताया कि उसका एक युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा है। दोनों में फोन पर बातचीत होती थी।
सुरेंद्र ने विरोध करते हुए बात बंद करा दी। उसने चेतावनी दी थी कि अगर आगे से ऐसा हुआ तो उसके घर वालों से शिकायत कर देगा। इसके बाद से रिंकू भी सुरेंद्र से परेशान था। जब रिंकू व भूपेंद्र में बातचीत हुई तो दोनों ने उसकी हत्या और फिरौती वसूली की प्लानिंग बना ली।
इसी योजना के तहत रिंकू ने अपने मामा रतन सिंह निवासी देदना नौहझील, मथुरा व उसके दोस्त राहुल निवासी अब्दुल्लागंज बाढ़ी रायसेन मध्यप्रदेश को फिरौती के हिस्से का लालच देकर साजिश में शामिल कर लिया। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है।
शराब पिलाकर दी मौत, फिर दफनाया
एसपी देहात के अनुसार, घटना वाले दिन भूपेंद्र उसे घर से पार्टी के बहाने ले गया और गांव के बाहर अपनी कार में बैठाकर उसे शराब पिलाई। उस समय कार में तीनों आरोपी भी मौजूद थे।
जब सुरेंद्र को नशा हो गया तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर व गमछे से मुंह बांधकर टेप चिपका दिया। इस कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद रतन सिंह के कहने पर वे शव को उसके गांव ले गए और वहां यमुना के खादर में बालू में शव को दफन कर दिया। इ