ताजमहल को मुफ्त में देखने का सुनहरा मौका,शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स 27 से, तहखाना भी खुलेगा

टीम भारत दीप |

ताज में तीनों दिन बड़े ढोल, ताशे, विज्ञापन सामग्री आदि का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
ताज में तीनों दिन बड़े ढोल, ताशे, विज्ञापन सामग्री आदि का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

\भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शाहजहां उर्स के दौरान तीनों दिवसीय ताजमहल में नि:शुल्क प्रवेश का आदेश जारी कर दिया है। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल के मुताबिक शाहजहां उर्स के पहले दिन 27 फरवरी रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम तक पर्यटक नि:शुल्क प्रवेश कर पाएंगे।

आगरा। ताजमहल की खूबसूरती निहारने दुनियाभर से प्रेम के दीवाने बड़ी संख्या में पहुंचते है। प्रेम के निशानी देखने के लिए पर्यटकों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन साल में कुछ दिन पर्यटकों के ताज का दीदार करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़त है।

इसी क्रम में इस बार शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स  27, 28 फरवरी और एक मार्च को होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शाहजहां उर्स के दौरान तीनों दिवसीय ताजमहल में नि:शुल्क प्रवेश का आदेश जारी कर दिया है। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल के मुताबिक शाहजहां उर्स के पहले दिन 27 फरवरी रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम तक पर्यटक नि:शुल्क प्रवेश कर पाएंगे। 

एक मार्च को पूरे दिन मुफ्त में दीदार

28 फरवरी सोमवार को भी दोपहर दो बजे के बाद उर्स की परंपराएं शुरू होंगी और तब से शाम तक कोई भी नि:शुल्क प्रवेश कर सकता है। एक मार्च को उर्स के आखिरी दिन मंगलवार को सुबह सूर्योदय से शाम सूर्यास्त तक नि:शुल्क प्रवेश किया जा सकेगा। उर्स के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और ताज में तीनों दिन बड़े ढोल, ताशे, विज्ञापन सामग्री आदि का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

तहखाने को भी देख सकेंगे पर्यटक

तीनों दिन ताजमहल के तहखाने में बनी शाहजहां-मुमताज की असली कब्रों को पर्यटक देख पाएंगे। ताजमहल के मुख्य गुंबद में बने तहखाने के दरवाजों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी खोलेंगे। उसके बाद गुस्ल की रस्म होगी और असली कब्रों पर गुस्ल के बाद अजान होगी और फातिहा पढ़ी जाएगी। ताजमहल के गेट बंद होने तक कव्वालियां होती रहेंगी। 

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