विधानसभा चुनाव में हार के बाद लंदन रिटर्न रूपाली दीक्षित का छलका दर्द, हार पर यह बोलीं

टीम भारत दीप |

रूपाली ने फेसबुक पर लाइव कर अपने समर्थकों को संबोधित किया
रूपाली ने फेसबुक पर लाइव कर अपने समर्थकों को संबोधित किया

शुरू से ही बीजेपी के छोटे लाल वर्मा और रूपाली दीक्षित में कड़ी टक्कर मानी जा रही थी, वहीं रूपाली दीक्षित को पहचान इस वजह से भी मिली क्योंकि उन्होंने सिर्फ तीन मिनट की बातचीत में ही अखिलेश यादव से अपने लिए टिकट प्राप्त कर ली थी, लेकिन 10 मार्च को हुई मतगणना के बाद रूपाली दीक्षित को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

आगरा। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त जीत दर्ज की। बीजेपी के सामने कई दिग्गज हार तो कई युवाओं को भी हार का सामना करना पड़ा। आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से सपा की प्रत्याशी रुपाली दीक्षित को भी हार का सामना करना पड़ा।

हार के बाद रुपाली दीक्षित ने फेसबुक लाइव आकर अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया। रूपाली दीक्षित ने कहा कि राजनीति में एक्टिव हैं, फेसबुक लाइव पर विरोधियों द्वारा किए गए कमेंट का भी उन्होंने खुलकर जवाब दिया।

तीन मिनट में लिया था टिकट

आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विदेश से लौटकर आए रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया था, शुरू से ही बीजेपी के छोटे लाल वर्मा और रूपाली दीक्षित में कड़ी टक्कर मानी जा रही थी,

वहीं रूपाली दीक्षित को पहचान इस वजह से भी मिली क्योंकि उन्होंने सिर्फ तीन मिनट की बातचीत में ही अखिलेश यादव से अपने लिए टिकट प्राप्त कर ली थी, लेकिन 10 मार्च को हुई मतगणना के बाद रूपाली दीक्षित को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह आधिकारिक तौर पर किसी के भी सामने नहीं आई। 13 मार्च को रूपाली ने फेसबुक पर लाइव कर अपने समर्थकों को संबोधित किया वहीं उनके विरोधियों को भी जवाब दिया।

रूपाली  को बड़े अंतर से हारने का  दुख

रूपाली दीक्षित ने 13 मार्च को फेसबुक पर लाइव आकर बताया कि मुझे हार का दुख नहीं है क्योंकि जीत का दूसरा पर्याय हार ही है, वह इस बात से हैरान थी कि जिस तरह से जनता ने उनका साथ दिया और सपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं व तमाम राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा उनके जीतने के जो कयास लगाए जा रहे थे,

वह 10 मार्च को असफल साबित हुए, वहीं उनको सिर्फ इस बात का दुख है कि वह भाजपा के प्रत्याशी छोटे लाल वर्मा से 54000 वोटों से हारी हैं, उनका कहना था कि मुझे हार का भले ही अंदाजा था लेकिन इतनी बड़ी हार कि मैंने उम्मीद भी नहीं की थी।

सपा के साथ करेंगी काम

अखिलेश यादव से मिलकर पार्टी की छवि को करेंगी सही रूपाली ने बताया कि समाज में समाजवादी पार्टी को लेकर गुंडा और माफियाओं की पार्टी वाली छवि है. इस छवि को कहीं ना कहीं पार्टी के बड़े नेता मिटाने में नाकाम रहे।

मैं जब भी अखिलेश यादव से मिलूंगी तो उनसे इस बारे में बात करूंगी, कि बड़े नेताओं का छोटे कार्यकर्ताओं से जो कम्युनिकेशन गैप है उसे कम किया जाए. और यह तब होगा जब पार्टी के लिए नियत से काम किया जाएगा ना कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए।

प्रचार के लिए मिला कम समय

रूपाली दीक्षित ने कहा के मतगणना के बाद उन्होंने अपने टीम के चार पांच लोगों के साथ बैठकर बात की, उन्हें लगा कि एक तो उन्हें समय कम मिला, सिर्फ 19 दिन ही उनके पास थे। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टी के पास समाज के जो चेहरे होते हैं।

वह भी मेरे पास उपलब्ध नहीं थे, जो मेरी मदद नहीं कर पाए। पार्टी में जो संगठन था वह मेरी मदद नहीं कर पाया या फिर हम आपस में सामंजस्य नहीं बिठा पाए, इसके लिए जब भी मैं अखिलेश यादव जी से मिलूंगी तो जरूर बात करूंगी, वहीं चुनाव में जातिवाद भी पूर्ण रूप से हावी रहा।

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